इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन।

National Farmers Day celebrated at Integral Institute of Agricultural Sciences and Technology, Integral University, Lucknow.
 
National Farmers Day celebrated at Integral Institute of Agricultural Sciences and Technology, Integral University, Lucknow.

लखनऊ, 24 दिसम्बर 2024: इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के केंद्रीय सभागार में राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किसान दिवस विशेष रूप से स्व. चौधरी चरण सिंह जी की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने भारतीय किसानों के हितों के लिए जीवन भर संघर्ष किया और देश में कृषि सुधारों की नींव रखी। चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति के एक अहम नेता थे और वे 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। उनका योगदान विशेष रूप से भारतीय कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व था। 


इस आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, श्री मनोज कुमार सिंह (IAS) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। श्री मनोज कुमार सिंह ने अपने संबोधन में किसानों के योगदान को अभूतपूर्व बताया और कहा, "किसान देश के अर्थतंत्र और खाद्य सुरक्षा का आधार हैं। उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के कारण ही हमारा देश समृद्ध और सुरक्षित है। स्व. चौधरी चरण सिंह जी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, जिन्होंने आज  किसानों के अधिकारों के लिए ऐ

तिहासिक संघर्ष किया और उनके कल्याण के लिए अनेक क़दम उठाए।" पीएम मुख्य सचिव ने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई नए क़दम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कृषि सर्वेक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग कर रही है, जिससे भूमि और फसल की स्थिति का सटीक आंकलन किया जा सके। इसके ज़रिए ये पता लगाया जा सकता है कि किस गांव में किस खेत में कौन सी फसल लगी हुई है। इसके साथ ही, मौसम के पूर्वानुमान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार गूगल के साथ सहयोग करने जा रही है जिससे किसानों को वास्तविक समय में मौसम की जानकारी प्रदान की जाएगी, ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें। इस योजना के तहत हर गांव को कुछ किसानों के मोबाइल फोन पर ही अगले दिन के मौसम का पूर्वानुमान भेज दिया जाएगा। यह पहल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।" 


इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि 10 दिसंबर को वॉशिंगटन में वर्ल्ड बैंक के साथ यूपी एग्रीज़ नाम से 4000 करोड़ रुपये की लागत का एक प्रोजेक्ट पारित हुआ है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यूपी के कम कृषि उत्पादन वाले 28 ज़िलों की कृषि उत्पादन क्षमता को राष्ट्रीय औसत के ऊपर लाना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार कृषि के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाने की योजना पर काम कर रही है ताकि वहां से कृषि उत्पादों का निर्यात किया जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार ज़ेवर एयरपोर्ट पर कार्गों जहाज़ों के ज़रिए यूपी के किसानों के कृषि उत्पादनों को सीधे विदेशों में निर्यात करने की योजना पर भी काम कर रही है।“

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने बताया कि “पिछले 6-7 सालों में उत्तर प्रदेश में सिर्फ गन्ना मिलों से गन्ना किसानों को लगभग 2 लाख 60 हज़ार करोड़ रुपयों का भुगतान हो चुका है। जोकि पिछले 20 सालों में हुए भुगतान से सबसे ज्यादा है।“ माननीय चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, "किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और हम उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्व. चौधरी चरण सिंह जी ने हमेशा किसानों की आवाज उठाई और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया। इस दिन हम उनके योगदान को सम्मानित करते हुए किसानों के प्रति अपनी आभार व्यक्त करते हैं।" 


प्रो चांसलर डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने कहा, "कृषि क्षेत्र में नवाचार और उन्नति की दिशा में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी निरंतर कार्य कर रही है और आज का यह आयोजन उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हम आगे भी कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक योगदान देने के लिए तत्पर हैं।" इस कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली के उप निदेशक जनरल श्री उधम सिंह गौतम और उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि निदेशालय के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। श्री उधम सिंह गौतम ने कहा, "कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के उपयोग से किसानों को अधिक सक्षम बनाया जा सकता है, और यह देश के कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।" वहीं, डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर ने कहा, "हमारा प्रयास है कि किसानों तक वैज्ञानिक तरीके से कृषि ज्ञान पहुंचे, ताकि वे आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपनी उपज में वृद्धि होगी।" 
माननीय कुलपति, जावेद मुसर्रत ने स्वागत भाषण देते हुए कहा, "इंटीग्रल यूनिवर्सिटी अपने किसानों के योगदान को सराहते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, और हम भविष्य में कृषि क्षेत्र में और अधिक नवाचार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" 


प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीक़ी रजिस्ट्रार, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और डायरेक्टर, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने कहा, "हमारे विश्वविद्यालय का लक्ष्य न केवल कृषि शिक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि किसानों को उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों से भी अवगत कराना है ताकि वे अधिक उत्पादक और सशक्त बन सकें।" कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 24 प्रगतिशील किसानों को उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इंटीग्रल फार्मर एक्सपो का भी आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की विभिन्न कंपनियां, कृषि विज्ञान केंद्र, किसान उत्पादक संगठन और अन्य कृषि क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं ने अत्याधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के समापन पर कृषि विभाग की विभागाध्यक्षा  प्रोफेसर सबा सिद्दीक़ी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य न केवल किसानों को शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उनके समग्र विकास के लिए विभिन्न पहलुओं को सुनिश्चित करना है। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।"  यह आयोजन कृषि के क्षेत्र में नवाचार, विकास और किसानों की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

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