एनसीसी ट्रैकिंग कैंप: कैडेट्स ने किए विभूतिनाथ के दर्शन, सोहेलवा के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद

भगवान विभूतिनाथ के दर्शन और पौराणिक महत्व
ट्रैकिंग के दौरान कैडेटों ने भगवान विभूतिनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा से परिचित हुए।
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मंदिर का इतिहास: यह पांडवकालीन मंदिर श्रावस्ती के सिरसिया में हिमालय की तलहटी में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है।
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महाभारत काल से जुड़ाव: कैडेटों को बताया गया कि महाभारत काल में वनवास के दौरान पांडवों ने कुछ समय सोहेलवा वन क्षेत्र में बिताया था। भीम द्वारा स्थापित एक गाँव को पहले भीम गाँव और बाद में भिनगा नाम से जाना गया।
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विभूतिनाथ की स्थापना: भीम गाँव से उत्तर दिशा में 36 किमी की दूरी पर हिमालय क्षेत्र में शिव आधार शिला रखी गई, जो बाद में विभूतिनाथ नाम से प्रसिद्ध हुई। सावन के महीने में यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

सोहेलवा जंगल का भ्रमण और अन्य गतिविधियाँ
कैडेटों ने सोहेलवा के घने जंगलों का भी भ्रमण किया और यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों का आनंद लिया।
ट्रैकिंग के अतिरिक्त, कैंप में अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं
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खेल: वॉलीबॉल व रस्साकसी की अन्तरनिदेशालय प्रतियोगिता के लीग मैच खेले गए।
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साहित्यिक प्रतियोगिताएँ: क्विज, भाषण और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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पुरस्कार: समापन अवसर पर विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

ट्रैकिंग कैंप में एडम ऑफिसर कर्नल अनुराग गंजवार, विभिन्न निदेशालयों के एसोसिएट एनसीसी अधिकारी, बटालियन के सूबेदार मेजर बिनय घोष, ट्रेनिंग जेसीओ नंद सिंह, बलबीर सिंह, सतबीर सिंह, सुबिक गुरुंग, नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, बीएचएम रजनीश, और सी एच एम राम किशोर सहित पीआई स्टाफ सम्मिलित रहे।

