भारत-रूस ऊर्जा सहयोग का नया अध्याय: दुनिया का पहला 'एनर्जी-ओ-थॉन' हुआ लॉन्च

A new chapter in India-Russia energy cooperation: The world's first 'Energy-o-thon' has been launched.
 
🇮🇳🇷🇺 A new chapter in India-Russia energy cooperation: The world's first 'Energy-o-thon' has been launched.

लखनऊ, 27 दिसंबर 2025: भारत और रूस के बीच कूटनीतिक संबंधों ने अब एक आधुनिक और तकनीकी मोड़ ले लिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा के बाद, दोनों देशों ने BRICS ढांचे के तहत दुनिया का पहला द्विपक्षीय ऊर्जा हैकाथॉन—‘एनर्जी-ओ-थॉन’ (Energy-o-thon) सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

यह पहल संकेत देती है कि भविष्य की अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां केवल कागजी समझौतों पर नहीं, बल्कि युवा दिमागों और साझा नवाचार (Innovation) पर आधारित होंगी।

'एनर्जी-ओ-थॉन' की मुख्य विशेषताएं

यह आयोजन गो-ब्रिक्स बिजनेस फोरम द्वारा राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (RGIPT) के सहयोग से आयोजित किया गया। इसके मुख्य आकर्षण निम्नलिखित हैं:

  • उद्देश्य: ऊर्जा क्षेत्र की वास्तविक चुनौतियों के लिए डिजिटल और व्यावहारिक समाधान तलाशना।

  • युवा शक्ति: यह हैकाथॉन केवल डिप्लोमेसी नहीं, बल्कि शिक्षा और स्टार्टअप कल्चर को जोड़ने का एक प्रयास है।

  • तकनीकी सेतु: रूस का डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘डियोन’ (Dion) भविष्य में दोनों देशों की टीमों को जोड़ने का मुख्य जरिया बनेगा।

🎓 सहभागिता और संस्थान

इस पायलट चरण में दोनों देशों के युवा टैलेंट ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया:

  • भारत से: लगभग 250 विद्यार्थी (प्रमुख रूप से RGIPT और लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता)।

  • रूस से: लगभग 100 विद्यार्थी (हायर स्कूल ऑफ पेट्रोलियम, मॉस्को पॉलिटेक्निक और सेंट पीटर्सबर्ग पॉलिटेक्निक)।

  • वित्तीय सहयोग: बायर बैंक जैसे संस्थानों ने भी इस पहल में रुचि दिखाई है, जो भविष्य के कॉमर्शियल सॉल्यूशंस का संकेत है।

📅 भविष्य का रोडमैप: 50,000 इनोवेटर्स का लक्ष्य

यह तो बस शुरुआत है। इस पहल के अगले चरण काफी बड़े होने वाले हैं:

चरण समय लक्ष्य विवरण
पायलट चरण दिसंबर 2025 350+ विद्यार्थी प्रारंभिक आइडिया और मॉडल निर्माण।
दूसरा चरण मार्च 2026 7,000 विद्यार्थी ऑनलाइन 'आइडियाथॉन' का आयोजन।
दीर्घकालिक लक्ष्य भविष्य 50,000 इनोवेटर्स एक बड़ा इंडो-रशियन स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाना।

 नेतृत्व के विचार

"यह पहल भारत–रूस संबंधों को एक नई वैज्ञानिक और इनोवेशन आधारित दिशा देती है। ऊर्जा क्षेत्र भरोसे का सबसे मजबूत आधार है।"

— सुश्री पूर्णिमा आनंद, चेयरपर्सन, ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम

"यह सहयोग युवा प्रतिभाओं को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा और हमें गर्व है कि लखनऊ इस ऐतिहासिक पहल का साक्षी बना।"

— डॉ. अमृतांशु शुक्ला, लखनऊ विश्वविद्यालय

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