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नया वक्फ कानून सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम: पीएम मोदी

एक निजी चैनल के कार्यक्रम में मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संसद में इस मुद्दे पर बहस में तुष्टीकरण की राजनीति की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के पीछे भी यही रवैया था, जब कुछ कांग्रेस नेताओं ने कट्टरपंथी विचार को बढ़ावा दिया। हालांकि, आम मुसलमानों द्वारा इस विचार को तरजीह नहीं दी गई थी।
शाहबानो मामले का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि आम मुसलमानों और उनमें गरीब तथा पिछड़े लोगों को केवल उपेक्षा, शिक्षा की कमी और बेरोजगारी मिली, जबकि कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की बलि दी गई।प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा 2013 में लागू किये गये वक्फ कानून से यह भ्रम पैदा हो गया कि यह कानून संविधान से ऊपर है। उन्होंने अपनी बात रखने के लिए केरल में ईसाई संपत्तियों, हरियाणा में गुरुद्वारा संपत्तियों और कर्नाटक में किसानों की जमीन के अलावा सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के कथित दावों का हवाला दिया।मोदी ने कहा कि कानून न्याय के लिए था, लेकिन यह डर का स्त्रोत बन गया।
उन्होंने कहा कि संशोधित कानून समाज और मुस्लिम समुदाय के हित में है। उन्होंने संसद को शानदार कानून बनाने के लिए बधाई दी, जिस पर संसदीय इतिहास में दूसरी सबसे लंबी बहस हुई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस साल के पहले 100 दिनों में अपनी नीतियों से संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं।
भारत अब न तो झुकने वाला है और न ही रुकने वाला है।उन्होंने कहा कि शांति, स्थिरता और सुरक्षा - तेज विकास के लिए ये बहुत जरूरी शर्तें हैं। हमारी सरकार ने आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगाई है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता दिखाई है। जो लोग सोचते थे कि भारत ''धीमी और स्थिर'' गति से आगे बढ़ेगा, वे ''तेज और निडर'' भारत देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं की आकांक्षाएं उनकी सरकार के फैसलों में झलकती हैं, जिसने भविष्य के लिए मजबूत नींव भी रखी है।