पप्पू यादव के 'बाप-बेटी' वाले लॉजिक पर भड़कीं नेहा सिंह राठौर, पूछा- "क्या अपनी बेटी के साथ भी यही कहते?"
नीतीश कुमार 'हिजाब विवाद': पप्पू यादव के 'बाप-बेटी' वाले लॉजिक पर भड़कीं नेहा सिंह राठौर, पूछा- "क्या अपनी बेटी के साथ भी यही कहते?"
बिहार की राजनीति में इन दिनों एक नया 'दंगल' छिड़ा हुआ है। इस बार मुद्दा कोई सड़क, पुल या बेरोजगारी नहीं, बल्कि एक 'हिजाब' है। मामला शुरू हुआ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक वायरल वीडियो से, जिसमें वे एक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान एक युवती का हिजाब हटाते या सरकाते नजर आ रहे हैं। बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर 'कलेश' शुरू हो गया और एंट्री हुई राजनीति के दो दिग्गज किरदारों की—पप्पू यादव और नेहा सिंह राठौर।
पप्पू यादव का 'इमोशनल' बचाव: "यह तो बाप-बेटी का प्यार है!"
जब चारों तरफ नीतीश कुमार की आलोचना हो रही थी, तब सांसद पप्पू यादव उनके 'डिफेंस लॉयर' बनकर मैदान में उतरे। न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए पप्पू यादव ने एक ऐसा तर्क दिया जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। उन्होंने कहा—
"अरे भाई, हिजाब नहीं हटाया यार... नीतीश जी का भाव तो एक पिता और बेटी वाला था। जैसे एक बाप अपनी बेटी को दुलार में कहता है कि अरे इसे खोलिए... बच्ची पर बाप का जो रिश्ता होता है, यह बस वैसा ही था। आलोचना सकारात्मक होनी चाहिए, हर बात में नकारात्मकता क्यों ढूंढते हो?"
पप्पू यादव ने यह तो माना कि हिजाब नहीं हटाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार की 'नीयत' को क्लीन चिट दे दी।
नेहा सिंह राठौर का 'सर्जिकल स्ट्राइक': "बेशर्मी की हद है!"
जैसे ही पप्पू यादव का यह 'बाप-बेटी' वाला लॉजिक वायरल हुआ, बिहार और यूपी की मशहूर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का पारा हाई हो गया। उन्होंने बिना नाम लिए पप्पू यादव को आड़े हाथों लिया और 'एक्स' (Twitter) पर एक के बाद एक कई तीखे वार किए।
नेहा ने अपनी पोस्ट में लिखा:
"मुझे एक सज्जन नीतीश कुमार द्वारा लड़की का हिजाब खींचने की घटिया हरकत को बाप-बेटी के रिश्ते की नजर से देखने की सलाह दे रहे हैं। बेशर्मी की हद है! क्या ये अपनी बेटी के साथ ऐसी बेहूदगी होने पर भी यही कहते?"
नेहा का यह सवाल सीधा कलेजे पर लगने वाला था। उन्होंने साफ कर दिया कि 'पावर' में होने का मतलब यह नहीं कि आप किसी की 'पर्सनल स्पेस' और 'गरिमा' के साथ खिलवाड़ करें और उसे 'पिता का प्यार' बताकर पल्ला झाड़ लें।
'दुशासन' से की तुलना, 'बेटी बचाओ' पर उठाए सवाल
नेहा सिंह राठौर सिर्फ एक ट्वीट पर नहीं रुकीं। उन्होंने इस पूरे विवाद को महाभारत के 'चीर-हरण' से जोड़ते हुए तीन बड़े हमले किए:
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दुशासन वाली हरकत: नेहा ने लिखा कि "दुशासन की एक हरकत ने पूरे गिरोह को बेनकाब कर दिया।" यानी उन्होंने साफ इशारा किया कि जो लोग इस हरकत का बचाव कर रहे हैं, वे भी उसी मानसिकता का हिस्सा हैं।
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बीजेपी-जेडीयू पर तंज: नेहा ने तंज कसते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री हिजाब खींचता है, कैबिनेट मंत्री भद्दा मजाक करता है और केंद्रीय मंत्री कहता है कि लड़की नौकरी करे या जहन्नुम में जाए। ये सब 'बेटी बचाओ' वाली पार्टी से हैं।"
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हैरानी और अफसोस: 15 दिसंबर को वीडियो शेयर करते हुए नेहा ने लिखा था कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि नीतीश कुमार ऐसा भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष: नीयत का सर्टिफिकेट या मर्यादा का सवाल?
इस पूरे मामले ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। समर्थक कह रहे हैं कि "नीतीश जी की नीयत साफ थी," वहीं विरोधी पूछ रहे हैं कि "किसी की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने पर नीयत का सर्टिफिकेट देने वाले आप कौन होते हैं?"
फिलहाल सोशल मीडिया दो गुटों में बंट गया है। एक तरफ 'बाप-बेटी का भाव' है और दूसरी तरफ 'महिला की गरिमा और मर्यादा'। पप्पू यादव अपने बयान पर ट्रोल हो रहे हैं और नेहा सिंह राठौर अपनी बेबाकी के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं।
