पटना हिजाब विवाद: नीतीश कुमार की हरकत से लेकर संजय निषाद के बयान तक, क्यों मचा सियासी बवाल
आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे विवाद की जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और राजनीति के गलियारों में छाया हुआ है। जी हां, बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस घटना की, जहां उन्होंने एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब या नकाब खींच दिया था। और इस पर यूपी के मंत्री संजय निषाद का जो बयान आया, वो तो आग में घी डालने वाला साबित हुआ! चलिए, पूरी कहानी को डिटेल में समझते हैं – क्या हुआ, क्यों बवाल मचा, और अब क्या हो रहा है। वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें, क्योंकि ऐसे अपडेट्स सबसे पहले यहीं मिलेंगे!
ये incident हुआ 15 दिसंबर 2025 को पटना में। बिहार सरकार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रही थी – कुल 1283 डॉक्टरों को, जिनमें आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी के डॉक्टर शामिल थे। कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय के 'संवाद' हॉल में था। नीतीश कुमार खुद कुछ डॉक्टरों को स्टेज पर नियुक्ति पत्र दे रहे थे। तभी एक मुस्लिम महिला डॉक्टर, जिनका नाम डॉ. नुसरत परवीन है, स्टेज पर आईं। वो नकाब या हिजाब पहने हुई थीं, जो उनका चेहरा ढक रहा था।नीतीश जी ने देखा, तो पहले पूछा – "ये क्या है?" फिर खुद ही हाथ बढ़ाकर उनका नकाब नीचे खींच दिया! वीडियो में साफ दिख रहा है कि वो मुस्कुराते हुए ऐसा कर रहे हैं, और आसपास के लोग भी हंसते नजर आ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तो उन्हें रोकने की कोशिश भी की, लेकिन तब तक हो चुका था। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और बवाल मच गया!विपक्ष ने तो नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस ने कहा – ये शर्मनाक है, महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन! सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया कि नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए। RJD ने पूछा – नीतीश जी अब 100% संघी हो गए क्या? महबूबा मुफ्ती, आगा रूहुल्लाह जैसे नेता भी भड़के, बोले – ये मुस्लिम महिलाओं का अपमान है। यहां तक कि पाकिस्तान से भी रिएक्शन आया, उन्होंने जांच की मांग की। जदयू की तरफ से मंत्री जमा खान ने बचाव किया – बोले, नीतीश जी तो पिता जैसे हैं, कोई दुर्भावना नहीं। लेकिन दोस्तों, सवाल तो बनता है ना – पब्लिक स्टेज पर किसी महिला का नकाब खींचना ठीक है क्या?
अब आते हैं main ट्विस्ट पर – यूपी के योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद। जब उनसे इस घटना पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा – "नकाब छू दिया तो इतना हल्ला हो रहा है, कहीं और छू देते (यहां-वहां हाथ लगा देते) तो क्या होता?" दोस्तों, ये बयान सुनकर तो हंगामा मच गया! इसे महिला विरोधी, घटिया और सेक्शुअल हरासमेंट को नॉर्मलाइज करने वाला बताया गया।सुप्रिया श्रीनेत ने तो सीधे कहा – ये बेशर्मी की हद है, हंसते हुए यूपी का मंत्री ऐसी घटिया सोच दिखा रहा है। समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा (मुनव्वर राणा की बेटी) ने लखनऊ में नीतीश कुमार और संजय निषाद दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बोलीं – ये महिलाओं की इज्जत का सवाल है, मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सपा ने कहा – ऐसे लोगों से यूपी की हर मां-बेटी को बचाना होगा। बवाल बढ़ता देख संजय निषाद ने सफाई दी। बोले – "मैंने तो हंसते-मजाक में, गांव-देहात की भाषा में बात टालने के लिए कहा था। पूर्वांचल में ऐसा बोलकर विवाद खत्म करते हैं। अगर किसी को बुरा लगा तो मैं अपनी बात वापस लेता हूं। कोई गलत इरादा नहीं था।" साथ ही नीतीश कुमार की तारीफ की – उनके काम जनता जानती है।
और हां, इस विवाद ने बॉलीवुड तक को हिला दिया! 'दंगल' फेम एक्ट्रेस जायरा वसीम ने भी नीतीश कुमार पर गुस्सा जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा – "एक महिला की गरिमा और शर्म को खिलौना नहीं बनाया जा सकता, खासकर पब्लिक स्टेज पर। मुस्लिम महिला के तौर पर ये देखकर गुस्सा आया। नीतीश कुमार को उस महिला से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।" वहीं, BJP ने कांग्रेस पर पलटवार किया और पुराना वीडियो शेयर कर कहा – अशोक गहलोत ने भी घूंघट हटाया था, तब चुप क्यों थे? ये राजनीति का दोहरा चरित्र दिखाता है। कुल मिलाकर, ये मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है।
दोस्तों, ये विवाद सिर्फ एक incident नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा, धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीतिक बचाव की मिसाल है। एक तरफ नीतीश कुमार जैसे बड़े नेता का ऐसा व्यवहार, दूसरी तरफ सहयोगी मंत्री का विवादित कमेंट। क्या ये सिर्फ मजाक था या सोच की समस्या? आप क्या सोचते हैं – कमेंट में जरूर बताएं!
