परमाणु शक्ति आतंकवादियों के हाथों में: एक वैश्विक तबाही की चेतावनी

Nuclear power in the hands of terrorists: Warning of a global catastrophe
 
परमाणु शक्ति आतंकवादियों के हाथों में: एक वैश्विक तबाही की चेतावनी

विवेक रंजन श्रीवास्तव | विभूति फीचर्स

आज के वैश्विक परिदृश्य में जब आतंकवाद का चेहरा लगातार विकराल होता जा रहा है, तब यह विचार अत्यंत चिंताजनक है कि कहीं यह विध्वंसक शक्ति परमाणु हथियारों तक न पहुँच जाए। इतिहास गवाह है कि नाभिकीय विकिरण (Nuclear Radiation) जैसी अदृश्य शक्ति मानवता के लिए विनाश का पर्याय बन चुकी है।

नाभिकीय विकिरण: अदृश्य लेकिन घातक

आयनीकृत विकिरण (Ionizing Radiation) में इतनी अधिक ऊर्जा होती है कि यह जीवित कोशिकाओं के परमाणुओं को प्रभावित कर डीएनए को अपूरणीय क्षति पहुँचा सकती है। सामान्यतः यह विकिरण प्राकृतिक रूप से सीमित मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन परमाणु युद्ध या दुर्घटनाएं इसे अत्यंत घातक बना देती हैं।

 विकिरण के प्रकार और उनके प्रभाव:

  1. अल्फा कण (α):
    भारी, धनावेशित कण जो त्वचा द्वारा रोके जा सकते हैं, लेकिन शरीर में प्रवेश करने पर गंभीर क्षति कर सकते हैं।
    उदाहरण: यूरेनियम-238, रेडॉन-222

  2. बीटा कण (β):
    तीव्र गति वाले इलेक्ट्रॉन, जो त्वचा में गहराई तक प्रवेश करते हैं और कोशिकीय क्षति पहुंचा सकते हैं।
    उदाहरण: सीज़ियम-137, स्ट्रॉन्शियम-90

  3. गामा किरणें (γ):
    अत्यधिक घातक तरंगें जो शरीर की गहराई तक असर डालती हैं और कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकती हैं।

 स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दूरगामी प्रभाव

तीव्र विकिरण सिंड्रोम (ARS)

जब शरीर उच्च स्तर (0.75 ग्रे से अधिक) की विकिरण के संपर्क में आता है, तब विकिरण बीमारी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं — उल्टी, त्वचा झुलसना, हड्डियों की क्षति।

दीर्घकालिक स्वास्थ्य संकट:

  • कैंसर: विकिरण के संपर्क से डीएनए क्षतिग्रस्त होता है, जिससे फेफड़े, थायरॉइड और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर हो सकते हैं।

  • हृदय रोग: रक्तवाहिकाओं की क्षति

  • आनुवंशिक विकृति: भावी पीढ़ियों तक जन्म दोष और मानसिक मंदता का जोखिम

 संवेदनशील समूह:

  • बच्चे और गर्भस्थ शिशु विशेष रूप से प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी कोशिकाएँ तेजी से विभाजित होती हैं।

पर्यावरणीय खतरे: चेरनोबिल से फुकुशिमा तक

चेरनोबिल (1986) और फुकुशिमा (2011) जैसी घटनाओं ने यह दिखा दिया कि एक बार फैले रेडियोन्यूक्लाइड्स वनस्पति, जीव-जंतुओं और मानव समाज पर कई दशकों तक असर डाल सकते हैं।

  • वृक्षों की वृद्धि रुक जाती है, पत्तियाँ झुलस जाती हैं

  • जानवरों में विकृति, अंगविकास में बाधा

  • खाद्य श्रृंखला में ज़हरीले तत्वों का संचय

 रेडियोधर्मी कण हवा और बारिश के माध्यम से हजारों किलोमीटर तक फैल सकते हैं।

 पाकिस्तान: एक अस्थिर परमाणु शक्ति

पाकिस्तान के पास वर्तमान में लगभग 170 परमाणु हथियार हैं।

  • वायु आधारित: 36

  • ज़मीन आधारित: 126

  • समुद्र आधारित: 8 (विकासाधीन)

चिंताजनक पहलू यह है कि पाकिस्तान में आतंकी समूहों की मौजूदगी और राजनीतिक अस्थिरता इस शक्ति को असुरक्षित बना देती है।

भारतीय रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के परमाणु दृष्टिकोण को "वैश्विक खतरा" करार दिया है और IAEA से जांच की माँग की है।

 संभावित विनाश के परिदृश्य

अगर परमाणु हथियारों का उपयोग युद्ध या आतंक के लिए किया गया:

  • लाखों लोगों की तात्कालिक मृत्यु

  • कृषि और जल स्रोत रेडियोधर्मी प्रदूषण से बर्बाद

  • वैश्विक खाद्य संकट

  • शरणार्थियों की विशाल लहर

  • वैश्विक पर्यावरणीय संतुलन का ध्वंस

 परमाणु आपात स्थिति में क्या करें?

  • 10 मिनट के भीतर आश्रय लें – ईंट या कंक्रीट की इमारत के मध्य में या तहखाने में

  • प्रदूषित कपड़े हटाएं, गीले कपड़े से शरीर पोंछें

  • 24 घंटे घर के अंदर रहें

  • बैटरी चालित रेडियो से सरकारी दिशा-निर्देश सुनें

समाधान और वैश्विक जिम्मेदारी

  • परमाणु अप्रसार संधियों का कठोर पालन

  • स्वच्छ ऊर्जा (सौर, पवन) को बढ़ावा

  • जनजागरूकता और आपातकालीन तैयारी का प्रशिक्षण

  • आतंकवादियों के विरुद्ध वैश्विक एकजुटता"एक सीमित परमाणु युद्ध भी पूरे ग्रह को प्रभावित कर सकता है।" — जैव विविधता नेटवर्क, 2023

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