कैंसर से बचाव और उपचार में पोषण की अहम भूमिका: डॉ. अमित कुमार चौधरी

Important role of nutrition in cancer prevention and treatment: Dr. Amit Kumar Chaudhary
 
संतुलित पोषण: बचाव और उपचार दोनों की कुंजी डॉ. अमित कुमार चौधरी, वरिष्ठ परामर्शदाता (मेडिकल और हीमेट-ऑन्कोलॉजी), ग्लोब हेल्थकेयर, लखनऊ, का मानना है कि:  “पोषण केवल सहायक नहीं, बल्कि इलाज की बुनियाद है। चाहे आप कैंसर से बचने की कोशिश कर रहे हों या उसका इलाज करा रहे हों – आपकी डाइट सबसे अहम भूमिका निभाती है।”  वे बताते हैं कि एक संतुलित और पोषणयुक्त आहार:  शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है  सूजन को नियंत्रित करता है  उपचार के दुष्प्रभावों को कम करता है  शीघ्र स्वस्थ होने में सहायक होता है  👨‍⚕️ डॉ. अमित कुमार चौधरी का परिचय एमबीबीएस और डीएनबी: राजीव गांधी कैंसर संस्थान, नई दिल्ली  डीएम (मेडिकल ऑन्कोलॉजी): टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई  पूर्व सहायक प्रोफेसर: बनारस कैंसर अस्पताल  सदस्य: यूरोपियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल ऑन्कोलॉजी (ESMO)  🥗 कैंसर से बचाव हेतु डॉ. चौधरी की पोषण संबंधी सलाह: ✅ हर दिन कम से कम 5 बार ताजे फल और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें ✅ मैदे और मीठे खाद्य पदार्थों की जगह साबुत अनाज (whole grains) अपनाएं ✅ मांस के बजाय दाल, चना, सोयाबीन और मेवे जैसे शाकाहारी प्रोटीन स्रोत लें ✅ शराब का सेवन सीमित करें और तंबाकू से पूरी तरह परहेज़ करें ✅ खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखें और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करें  फाइबर युक्त आहार जैसे पत्तेदार सब्जियां, फल, ओट्स और दालें विशेष रूप से कोलन कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। वहीं, ब्रोकली और पत्ता गोभी जैसी सब्जियों में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो शरीर में कैंसरकारी तत्वों को निष्क्रिय कर सकते हैं।  🌱 निवारक उपाय ही सबसे असरदार रणनीति हालांकि सिर्फ खानपान से कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन यह एक सरल, प्रभावी और जागरूक विकल्प है जिससे जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि:  “जागरूकता शिविर, सामुदायिक कार्यशालाएं और नियमित स्वास्थ्य जांच ही सही समय पर निदान और बचाव में मदद कर सकते हैं।”  लखनऊ जैसे शहरों में जहां लाइफस्टाइल से जुड़े कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहां पोषण आधारित जीवनशैली बदलाव एक मजबूत बचाव कवच बन सकता है।

लखनऊ डेस्क (प्रत्यूष पांडेय)। देश में कैंसर के मामलों में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। ऐसे समय में चिकित्सा विशेषज्ञों की सबसे ज़रूरी अपील है – अपने खान-पान पर ध्यान दें।विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 तक करीब 2.1 लाख नए कैंसर मामलों के सामने आने की संभावना है, जिनमें से एक बड़ी संख्या लखनऊ जैसे शहरी इलाकों से हो सकती है। जहां तंबाकू सेवन और देर से निदान को कैंसर के प्रमुख कारणों में गिना जाता है, वहीं विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि गलत खानपान की आदतें भी एक महत्वपूर्ण और नजरअंदाज की गई वजह हैं, जिससे समय रहते बचा जा सकता है।

संतुलित पोषण: बचाव और उपचार दोनों की कुंजी

डॉ. अमित कुमार चौधरी, वरिष्ठ परामर्शदाता (मेडिकल और हीमेट-ऑन्कोलॉजी), ग्लोब हेल्थकेयर, लखनऊ, का मानना है कि:“पोषण केवल सहायक नहीं, बल्कि इलाज की बुनियाद है। चाहे आप कैंसर से बचने की कोशिश कर रहे हों या उसका इलाज करा रहे हों – आपकी डाइट सबसे अहम भूमिका निभाती है।”

वे बताते हैं कि एक संतुलित और पोषणयुक्त आहार:

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है

  • सूजन को नियंत्रित करता है

  • उपचार के दुष्प्रभावों को कम करता है

  • शीघ्र स्वस्थ होने में सहायक होता है

 डॉ. अमित कुमार चौधरी का परिचय

  • एमबीबीएस और डीएनबी: राजीव गांधी कैंसर संस्थान, नई दिल्ली

  • डीएम (मेडिकल ऑन्कोलॉजी): टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई

  • पूर्व सहायक प्रोफेसर: बनारस कैंसर अस्पताल

  • सदस्य: यूरोपियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल ऑन्कोलॉजी (ESMO)

 कैंसर से बचाव हेतु डॉ. चौधरी की पोषण संबंधी सलाह:

 हर दिन कम से कम 5 बार ताजे फल और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें मैदे और मीठे खाद्य पदार्थों की जगह साबुत अनाज (whole grains) अपनाएं मांस के बजाय दाल, चना, सोयाबीन और मेवे जैसे शाकाहारी प्रोटीन स्रोत लें शराब का सेवन सीमित करें और तंबाकू से पूरी तरह परहेज़ करें  खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखें और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करें फाइबर युक्त आहार जैसे पत्तेदार सब्जियां, फल, ओट्स और दालें विशेष रूप से कोलन कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। वहीं, ब्रोकली और पत्ता गोभी जैसी सब्जियों में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो शरीर में कैंसरकारी तत्वों को निष्क्रिय कर सकते हैं।

 निवारक उपाय ही सबसे असरदार रणनीति

हालांकि सिर्फ खानपान से कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन यह एक सरल, प्रभावी और जागरूक विकल्प है जिससे जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि:“जागरूकता शिविर, सामुदायिक कार्यशालाएं और नियमित स्वास्थ्य जांच ही सही समय पर निदान और बचाव में मदद कर सकते हैं।” लखनऊ जैसे शहरों में जहां लाइफस्टाइल से जुड़े कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहां पोषण आधारित जीवनशैली बदलाव एक मजबूत बचाव कवच बन सकता है।

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