गुरुनानक देव जयंती पर : पीर, वेदना मिटे सभी की
On Guru Nanak Dev Jayanti May everyone's pain and suffering be removed.
Tue, 4 Nov 2025

(इंजी. अरुण कुमार जैन -विभूति फीचर्स)
निर्बल, निर्धन के संरक्षक,
ममता, प्रेम की खान।
गुरुवर तुम्हें प्रणाम...
तलवंडी में जन्म लिया था,
माँ तृप्ति देवीधन्य किया था,
मेहताकालू पिता प्रफुल्लित,
थीं खुशियाँ हर घर, धाम।
गुरुवर तुम्हें प्रणाम...
एक ही ईश्वर, वही सत्य है,
सेवा,करुणा यही धर्म है,
जपोजाप नित उसी प्रभु का,
कर नित कीरत* से काम।
गुरुवर तुम्हें प्रणाम..
सारे मानव उसके बच्चे,
रहो प्रेम संग,मिल सब सच्चे,
लंगर से हो तृप्ति सभी की,
हो प्राणिमात्र सम्मान।
गुरुवर तुम्हें प्रणाम...
श्री नानक जी से,गोविन्द सिंह तक,
देश, धर्म, सेवा को अर्पित,
निर्बल को संरक्षण देकर,
पाया यश,गौरव, सम्मान।
गुरुवर तुम्हे प्रणाम..
सारा विश्व नमन करता है,
कष्ट, वेदना सब हरता है,
मैत्री, नेह, प्रेम अपनाकर,
जग हित के सब काम।
गुरुवर तुम्हें प्रणाम..
प्रकाशपर्व पर नमन करें हम,
सबकी व्याधि, पीर हरें हम,
रोते, दुखी सभी हर्षित हों,
यही श्रेष्ठ सम्मान।
गुरुवर कोटि कोटि प्रणाम।
