पांचवें दिन स्वयंसेवकों ने क्षतिग्रस्त भवन में प्रवेश व बचाव की आपातकालीन विधियां सीखीं
नागरिक सुरक्षा लखनऊ के स्वयंसेवकों को 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के सब-इंस्पेक्टर दीपक कमालिया द्वारा भवन ध्वस्तीकरण के प्रकार, ध्वस्त भवन का सर्वेक्षण, सुरक्षित बचाव के तरीके तथा क्षतिग्रस्त भवन में प्रवेश करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस दौरान पीपीटी के माध्यम से सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक दोनों प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया, जिसे स्वयंसेवकों ने अत्यंत रुचि एवं एकाग्रता के साथ ग्रहण किया।

प्रशिक्षण सत्र में राष्ट्रपति पदक से अलंकृत लखनऊ सिविल डिफेंस के सीनियर असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर मनोज वर्मा ने आपदा के समय रेस्क्यू कार्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब भवन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो उनमें फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। कई बार संसाधनों की कमी होती है, ऐसे में आकस्मिक बचाव विधियों के माध्यम से प्रभावित नागरिकों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जाता है।

उन्होंने स्वयंसेवकों को मानवीय बैसाखी, मानवीय पालना, टू-थ्री-फोर हैंड शीट, फायरमैन लिफ्ट, पिक ए बैक सहित विभिन्न रेस्क्यू तकनीकों का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया, जो भविष्य में आपदा प्रबंधन के दौरान अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर एनडीआरएफ 11वीं बटालियन की टीम को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु सहायक उपनियंत्रक ऋषि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर उपनियंत्रक रविन्द्र कुमार, सहायक उपनियंत्रक ममता रानी, रेखा पांडेय, मुकेश कुमार, नफीस अहमद एवं अरविंद मिश्रा सहित अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
