राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एमएलके पीजी कॉलेज में बीएससी वनस्पति विज्ञान के छात्र-छात्राओं का एक दल CIMAP और NBRI लखनऊ का शैक्षिक भ्रमण किया

बलरामपुर । राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एमएलके पीजी कॉलेज में बीएससी वनस्पति विज्ञान के छात्र-छात्राओं का एक दल CIMAP और NBRI लखनऊ का शैक्षिक भ्रमण किया ।एम० एल के महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं का एक दल महविधालय के प्राचार्य प्रो जे पी पांडेय के निर्देशन, विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन एंव समन्वयक डॉ शिव महेन्द्र सिंह के नेतृत्व में विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में, सीएसआईआर सीआईएमएपी सीमैप (केंद्रीय औषधीय और सगंध पौधा संस्थान) और एनबीआरआई (राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान) का ज्ञानवर्धक और रोचक शैक्षिक भ्रमण किया ।
डॉ राजीव रंजन ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य छात्रों को औषधीय पौधों, वनस्पति विज्ञान और अनुसंधान से संबंधित गहरी जानकारी प्रदान करना था । यह छात्रों के लिए एक शैक्षिक अनुभव साबित हुआ। उन्होंने बताया कि दौरे की शुरुआत सीमैप से हुई, जहाँ छात्रों को औषधीय जड़ी-बूटियों की एक विस्तृत श्रेणी से परिचित कराया गया।
सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रमेश कुमार श्रीवास्तव ने छात्र छात्राओं को सीमैप के कार्यों के बारे में विस्तार से समझाया। छात्रों ने मेंथा, अपराजिता, पीला भृंगराज, अनन्तमूल, गंधप्रसारणी, काकतुण्डी, रूद्राक्ष, कालमेध, बालम खीरा, बनभेड़ा, लेमनग्रास, तुलसी, जीरेनियम, वेटिवर, आर्टिमिसिया जैसे विभिन्न प्रकार के पौधों का अवलोकन किया ।
साथ ही उन पौधों के औषधीय गुणों के बारे में शोधकर्ता अतुल कुमार से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ने इन पौधों के विभिन्न उपयोगों पर चर्चा की और बताया कि कैसे ये पौधे पारंपरिक चिकित्सा में और आधुनिक दवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्रों ने इन पौधों के उत्पादन और उनके वैज्ञानिक अनुसंधान पर भी विचार किया, जो औषधीय उद्योग में योगदान कर रहे हैं।
छात्र छात्राओं ने पौधों मे आसवन के तरीक़े से आवश्यक तेलों को प्राप्त करने वाले औद्योगिक संयंत्र की भी जानकारी प्राप्त की। डॉ राजीव रंजन ने वहाँ पर उपस्थित वैज्ञानिकों एंव शोधार्थियों को जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके बाद, छात्र-छात्राओं का दल सीएसआईआर एनबीआरआई के हर्बेरियम का दौरा करने पहुंचा, जहाँ उन्हें डॉ विनय सिंह साहू ने हर्बेरियम के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया। वहाँ पर छात्र-छात्राओं को विभिन्न पौधों के संग्रहित नमूनों को देखने का अवसर मिला तथा वहाँ के हर्बेरियम में संरक्षित पौधों के नमूने छात्रों के लिए एक अमूल्य संसाधन साबित हुए। यहां, उन्होंने पौधों के संरचनात्मक गुण, उनकी पहचान और संरक्षण के बारे में जानकारी ली।
डॉ मृदुल ने हर्बेरियम के महत्व को समझाया, जो पौधों की जैव विविधता को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यात्रा के दौरान डॉ शुचि श्रीवास्तव वैज्ञानिक ई 2 ने संस्थान का संक्षिप्त परिचय दिया और अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि किस प्रकार संस्थान में औषधीय पौधों, उनकी जैविक विविधता, और उनके पर्यावरणीय प्रभावों पर गहन अध्ययन किया जा रहा है।
वैज्ञानिकों ने पौधों के विकास, उनके उपयोग, और उनके संरक्षण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को छात्र छात्राओं के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि यह वार्ता छात्र-छात्राओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक थी ।विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। अंत में, छात्र-छात्राओं ने एनबीआरआई के वन्य उद्यान का दौरा किया,
जहां उन्होंने साइकैड्स, ब्रायोफाइट्स, कैक्टस और बोनसाई जैसे पौधों को देखा। इन पौधों की संरचना, विकास, और पर्यावरण के अनुकूलन पर चर्चा की गई। छात्रों को यह अवसर मिला कि वे इन पौधों के बारे में न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से, बल्कि उनके प्राकृतिक परिवेश में कैसे विकसित होते हैं, इसे भी समझ सकें।
इस शैक्षिक भ्रमण ने छात्रों को वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में अपनी समझ को और गहरा करने का अवसर प्रदान किया। साथ ही, यह यात्रा छात्र-छात्राओं को शोध और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावी माध्यम बनी।
दल के छात्र-छात्राओं ने इस अनुभव को भविष्य में अपने अनुसंधान कार्यों में लागू करने का संकल्प लिया और इसे एक अनमोल शैक्षिक अनुभव के रूप में याद किया। इस दौरान विभाग के प्राध्यापक डॉ मोहम्मद अकमल, राहुल कुमार, राहुल यादव, डॉ वीर प्रताप सिंह, सौम्या शुक्ला एंव राशी सिंह उपस्थित रहे ।