आखिर किस आधार पर जितेश शर्मा को मिला मौका और संजू सैमसन हुए बाहर?

On what basis did Jitesh Sharma get a chance and Sanju Samson was left out?
 
आखिर किस आधार पर जितेश शर्मा को मिला मौका और संजू सैमसन हुए बाह

राइजिंग एशिया कप 2025 का सेमीफाइनल आज भी भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक दर्दनाक याद है। बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में मैच सुपर ओवर तक पहुंच गया था। कप्तान होने के नाते जितेश शर्मा ने खुद बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जबकि उस समय टीम के सबसे फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी थे।

सूर्यवंशी ने उसी मैच में उस गेंदबाज़ के ओवर में तीन छक्कों की मदद से 19 रन जड़ दिए थे, जिसके खिलाफ सुपर ओवर खेलना था। इसके बावजूद उन्हें मौका नहीं दिया गया और जितेश शर्मा पहली ही गेंद पर आउट हो गए। नतीजा—भारत सुपर ओवर में एक भी रन नहीं बना सका और टूर्नामेंट से बाहर हो गया।  फैसले को लेकर खिलाड़ियों और फैंस दोनों ने जितेश की कप्तानी पर सवाल उठाए थे।

फिर भी जितेश को मिला दक्षिण अफ्रीका T20 में मौका!

सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुपर ओवर में खराब प्रदर्शन के बावजूद जितेश शर्मा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले T20 की प्लेइंग इलेवन में जगह कैसे मिल गई? जबकि उसी समय संजू सैमसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी को बाहर बैठा दिया गया, जिन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए शानदार रन बनाए थे।

क्या है चयन की असल वजह?

टीम मैनेजमेंट के अनुसार, जितेश शर्मा को उनकी विशेष भूमिका—फिनिशर और विकेटकीपर—के आधार पर चुना गया है। टीम ऐसे खिलाड़ी की तलाश में है जो निचले क्रम में तेज़ स्ट्राइक रेट के साथ रन बना सके। IPL और घरेलू क्रिकेट में जितेश इस भूमिका में प्रभावी साबित हुए हैं।
इसके उलट, संजू सैमसन आमतौर पर टॉप-ऑर्डर में खेलते हैं, जहां भारतीय टीम में पहले से ही मजबूत और स्थायी विकल्प मौजूद हैं। यही वजह है कि प्रचंड फॉर्म में होने के बावजूद उन्हें XI में जगह नहीं मिल पाई।

फैंस में बढ़ी नाराज़गी

हालांकि मैनेजमेंट के अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन फैंस और क्रिकेटविशेषज्ञों का मानना है कि संजू सैमसन के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें मौक़े कम मिलते हैं, जबकि सुपर ओवर में गलत फैसला लेने वाले जितेश शर्मा को तुरंत प्लेइंग इलेवन में स्थान मिल गया।

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