विश्व हृदय दिवस पर मेदांता अस्पताल ने स्वस्थ हृदय व सीपीआर के दिए टिप्स, छात्रों को बनाया हृदय स्वास्थ्य राजदूत

On World Heart Day, Medanta Hospital gave tips for a healthy heart and CPR, made students heart health ambassadors
On World Heart Day, Medanta Hospital gave tips for a healthy heart and CPR, made students heart health ambassadors

लखनऊ डेस्क(आर एल पाण्डेय)।मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हृदय स्वास्थ्य और सीपीआर कार्यशाला के साथ विश्व हृदय दिवस मना रहा है। जिसमें स्कूली छात्रों को हृदय राजदूत के रूप में सेवा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हृदय का उपयोग करें थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में आवश्यक जीवन रक्षक सीपीआर प्रशिक्षण और हृदय स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की गई। जिससे आपात स्थितियों में युवाओं को प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार किया गया।

उत्तर प्रदेश में हृदय रोग मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 15% से 20% हृदयाघात के रोगी 40 वर्ष से कम आयु के हैं। इस संकट से निपटने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। समाज में हृदयाघात(हार्ट अटैक) के लक्षणों के बारे में जागरूकता की कमी है। जिसके कारण इमरजेंसी होने पर अक्सर सही प्रतिक्रिया में देरी होती है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, आर्थिक स्थिति और हृदय देखभाल के लिए अपर्याप्त सुविधाओं के कारण अधिक हैं। जिसके कारण हृदय रोग गंभीर होने पर ही अस्पताल तक पहुंचते हैं।

दिल के दौरे के शुरुआती घंटों में, कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। जिसके लिए कार्डियो पल्मोनरी रिसेसिटेशन (सीपीआर) की आवश्यकता हो सकती है। आमजन और हृदयरोगियों के परिवारीजन को पता होना चाहिए कि सीपीआर कैसे किया जाता है। यह कार्यशाला में युवाओं को स्वस्थ हृदय के लिए आहार और व्यायाम के बारे में शिक्षित किया गया। इसके साथ ही सीपीआर की आवश्यकता कब होती है, यह जानकारी दी गई है। कार्यशाला में लखनऊ के तीन प्रतिष्ठित स्कूलों- कुनस्काप्सकोलन, दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) शहीद पथ, और एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के साथ सहयोग किया गया। छात्रों ने सीपीआर प्रशिक्षण और हृदय स्वास्थ्य शिक्षा में भाग लिया।

कार्यशाला में छात्रों के सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा दिया और उन्हें हृदय स्वास्थ्य और आपातकालीन प्रतिक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सशक्त बनाया। मेदांता में कार्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ. आर.के. सरन ने कार्यशाला की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ''दिल के दौरे के लिए समय पर प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है। छात्रों को सीपीआर में प्रशिक्षित करके, हम अगली पीढ़ी को महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान हस्तक्षेप करने और जीवन बचाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस कर रहे हैं।'' प्रशिक्षण पूरा करने के बाद छात्रों को हार्ट एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया। इन छात्रों को अपने स्कूलों और समुदायों में हृदय स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने का काम सौंपा गया। डॉ. सरन ने कहा कि यह छात्र हमारे राज्य में हृदय रोग के कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली मौतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण व्यावहारिक सीपीआर प्रशिक्षण था। जहां छात्रों ने महत्वपूर्ण तकनीकें और गोल्डन ऑवर के महत्व को सीखा। विशेषाज्ञों ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद के बाद पहले 90 मिनट बेहद अहम होते हैं। मेदांता में आपातकालीन और गहन देखभाल विशेषज्ञ डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने कहा कि हृदय रोग के मामलों की बढ़ती संख्या के साथ, विशेष रूप से युवा आबादी के बीच, इस तरह की पहल आवश्यक हैं। यह समुदायों को चिकित्सा सहायता आने से पहले महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए सशक्त बनाते हैं।

विश्व हृदय दिवस कार्यक्रम शिक्षा, प्रारंभिक पहचान और समय पर हस्तक्षेप के माध्यम से हृदय रोग की बढ़ती प्रवृत्तियों से निपटने के लिए मेदांता के चल रहे मिशन का हिस्सा है। मेदांता के हृदय रोग विशेषज्ञों ने बताया कि खराब आहार, मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी और बढ़ते तनाव के स्तर जैसे जीवनशैली कारक, आकस्मिक हृदय रोग, उच्च रक्तचाप वाले हृदय रोग, और हृदय विफलता(हार्ट फेल्योर) के बढ़ने में योगदान दे रहे हैं।  इसके अतिरिक्त, महिलाओं, विशेषकर रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में हृदय रोग की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिसके कारण वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के प्रति अधिक जागरूकता और पहुंच की आवश्यकता है।

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