दशकों में एक बार… क्राइसचर्च में टेस्ट क्रिकेट का चमत्कार

Once in a decade… a Test cricket miracle in Christchurch
 
पहली पारी: दोनों टीमें फ्लॉप  न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर 231 रन बनाए—औसत बल्लेबाज़ी। जवाब में वेस्टइंडीज इससे भी खराब खेली और 167 पर सिमट गई। कीवी टीम को 64 रन की लीड मिल गई।  दूसरी पारी: रचिन रविंद्र का जादू  जब न्यूजीलैंड ने दोबारा बल्लेबाज़ी शुरू की तो पूरी तस्वीर बदल गई।  कप्तान टॉम लैथम — 145 रन  रचिन रविंद्र — 185 गेंदों में 176 रन   न्यूजीलैंड ने चौथे दिन सुबह 466/9 पर पारी घोषित की। वेस्टइंडीज के सामने 531 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य था। ओवर थे 164 — यानी 984 गेंदें।  दूसरी पारी की शुरुआत: WI का पतन  24, 25, 55 और 72 पर लगातार विकेट… सिर्फ 28 ओवर में चार बल्लेबाज़ आउट। यह लगने लगा कि कीवी टीम चौथे दिन ही मैच खत्म कर देगी।  लेकिन कहानी यहीं से बदलनी शुरू हुई…  साई होप–ग्रीव्स साझेदारी: संघर्ष की नींव  साई होप – 140 रन  ग्रीव्स – टिके रहे, लड़ते रहे, आगे बढ़ते गए   277 पर WI का छठा विकेट गिरा। अभी करीब 70 ओवर बचते थे।  यहीं से शुरू हुई ग्रीव्स–केमर रोच की महागाथा।  ग्रीव्स–रोच: टेस्ट मैच बचाने की अमर साझेदारी  केमर रोच – 233 गेंद, 58 रन  ग्रीव्स – दोहरा शतक (200+)   दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड के तेज़ और स्पिन—दोनों तरह के हमलों को रोका। एक-एक गेंद को अपनी जान की तरह खेला।  164वें ओवर की तीसरी गेंद तक न्यूजीलैंड आख़िरी विकेट के पीछे था। लेकिन यहीं साफ हो गया कि इतने कम गेंदों में चार विकेट असंभव है। मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।  अंतिम स्कोर:  वेस्टइंडीज – 457/8 लक्ष्य से केवल 74 रन दूर।   ---  यह मैच याद रहेगा क्यों?  वेस्टइंडीज जैसे मुश्किल दौर से गुजर रही टीम द्वारा ऐसा जज़्बा दिखाना  531 लक्ष्य के सामने आख़िरी दिन 90% समय बल्लेबाज़ी करते रहना  ग्रीव्स और रोच की महाकाव्य जैसी साझेदारी  टेस्ट क्रिकेट के ‘ड्रॉ’ का सबसे खूबसूरत रूप   वेस्टइंडीज ने हाल के वर्षों में जितनी हारें झेली हैं, उसे देखते हुए यह मुकाबला उनके लिए जीत जैसा ही है। और हम दर्शकों के लिए — टेस्ट क्रिकेट का जीवंत सबक।
क्राइसचर्च में न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया यह टेस्ट मैच उन दुर्लभ मुकाबलों में शुमार हो गया, जो दशकों में एक बार देखने को मिलते हैं। नतीजे की जगह इस मैच ने टेस्ट क्रिकेट की आत्मा जीत ली।

पहली पारी: दोनों टीमें फ्लॉप

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर 231 रन बनाए—औसत बल्लेबाज़ी। जवाब में वेस्टइंडीज इससे भी खराब खेली और 167 पर सिमट गई। कीवी टीम को 64 रन की लीड मिल गई।

दूसरी पारी: रचिन रविंद्र का जादू

जब न्यूजीलैंड ने दोबारा बल्लेबाज़ी शुरू की तो पूरी तस्वीर बदल गई।
कप्तान टॉम लैथम — 145 रन
रचिन रविंद्र — 185 गेंदों में 176 रन
न्यूजीलैंड ने चौथे दिन सुबह 466/9 पर पारी घोषित की। वेस्टइंडीज के सामने 531 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य था। ओवर थे 164 — यानी 984 गेंदें।

दूसरी पारी की शुरुआत: WI का पतन

24, 25, 55 और 72 पर लगातार विकेट… सिर्फ 28 ओवर में चार बल्लेबाज़ आउट। यह लगने लगा कि कीवी टीम चौथे दिन ही मैच खत्म कर देगी।
लेकिन कहानी यहीं से बदलनी शुरू हुई…
साई होप–ग्रीव्स साझेदारी: संघर्ष की नींव
साई होप – 140 रन
ग्रीव्स – टिके रहे, लड़ते रहे, आगे बढ़ते गए
277 पर WI का छठा विकेट गिरा। अभी करीब 70 ओवर बचते थे।
यहीं से शुरू हुई ग्रीव्स–केमर रोच की महागाथा।
ग्रीव्स–रोच: टेस्ट मैच बचाने की अमर साझेदारी
केमर रोच – 233 गेंद, 58 रन
ग्रीव्स – दोहरा शतक (200+)
दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड के तेज़ और स्पिन—दोनों तरह के हमलों को रोका। एक-एक गेंद को अपनी जान की तरह खेला।
164वें ओवर की तीसरी गेंद तक न्यूजीलैंड आख़िरी विकेट के पीछे था। लेकिन यहीं साफ हो गया कि इतने कम गेंदों में चार विकेट असंभव है। मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

अंतिम स्कोर:

वेस्टइंडीज – 457/8
लक्ष्य से केवल 74 रन दूर।
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यह मैच याद रहेगा क्यों?

वेस्टइंडीज जैसे मुश्किल दौर से गुजर रही टीम द्वारा ऐसा जज़्बा दिखाना
531 लक्ष्य के सामने आख़िरी दिन 90% समय बल्लेबाज़ी करते रहना
ग्रीव्स और रोच की महाकाव्य जैसी साझेदारी

टेस्ट क्रिकेट के ‘ड्रॉ’ का सबसे खूबसूरत रूप

वेस्टइंडीज ने हाल के वर्षों में जितनी हारें झेली हैं, उसे देखते हुए यह मुकाबला उनके लिए जीत जैसा ही है। और हम दर्शकों के लिए — टेस्ट क्रिकेट का जीवंत सबक।

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