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विपक्ष ने अमेरिकी पारस्परिक शुल्क को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना

उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बोलते हुए मांग की कि भारत सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वह भारत पर पारस्परिक शुल्क लगाने के बारे में क्या कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त पारस्परिक शुल्क लगाना दिखाता है कि अमेरिकी नेतृत्व एक व्यापारी है और हमारा ग्राहक उसके जाल में फंस गया। उन्होंने कहा कि गले मिलने,
हंसने और एक बार फिर ट्रंप के नारे लगाने की उनकी दोस्ती दिखाती है कि अमेरिका एक व्यापारी है और हमारा ग्राहक फंस गया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अतिरिक्त पारस्परिक शुल्क लगाना भारत सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच बातचीत की पूरी तरह विफलता है। भारत सरकार इस पर आवाज नहीं उठा रही है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने कहा कि देश की विश्वसनीयता और ताकत एकतरफा प्यार करने और किसी को दोस्त कहने से नहीं बढ़ती। मोदी को जवाब देना होगा कि अमेरिका भारत के साथ बुरा व्यवहार क्यों कर रहा है।
टीएमसी की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इसका भारत के प्रमुख क्षेत्रों जैसे कपड़ा इंजीनिय¨रग और रत्न एवं आभूषण के साथ-साथ इन क्षेत्रों में कार्यरत लाखों लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पारस्परिक शुल्क लगाए जाने को परेशान करने वाला बताया और कहा कि इससे अमेरिका को भारत के कुछ निर्यात प्रभावित होंगे,
जिससे संभवत: भारत कम प्रतिस्पर्धी हो जाएगा। वहीं, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर एक वीडियो जारी कर केंद्र सरकार पर तंज किया है। श्रीनेत ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगा दिया है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यह हमारे निर्यात, रोजगार और प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाएगा। दवा, इलेक्ट्रानिक्स, और कपड़ा उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे। सरकार की प्रतिक्रिया और आर्थिक नीतियां इस संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।