पहल ऐसी स्वयंसेवी संस्था है जो समाज में अंतिम व्यक्ति तक कार्य करने में तत्पर है :सुरजीत कुमार

Pehal is such a voluntary organization which is ready to work for the last person in the society: Surjeet Kumar
 
Pehal is such a voluntary organization which is ready to work for the last person in the society: Surjeet Kumar
नई दिल्ली/लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय।   इंडिया हैबिटेट सेंटर न्यू दिल्ली एक आयोजन हुआ पहल बहुउद्देशीय सामाजिक सेवा संगठन, उर्फ पहल, 2003 में स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का गैर सरकारी संगठन है और 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है, जो दिल्ली, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में समुदायों की प्रभावशाली ढंग से सेवा कर रहा है, जिससे हम जिन लोगों की सेवा करते हैं उनके जीवन में सार्थक बदलाव ला रहे हैं।


22वें स्थापना दिवस पर पहल ने इस दिशा में मिशन 365 नामक एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसके माध्यम से हम मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुषमा यादव सदस्य यूजीसी, पूर्व पीवीसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा, विशिष्ट अतिथि  एसएस परिहार, विशेष सचिव वित्त एवं योजना शाखा (एनसीटी दिल्ली सरकार), विशिष्ट अतिथि जिला न्यायाधीश अखिलेश तिवारी,  नीरज, पत्रकार, डॉ. विवेक अग्रवाल वकील सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट और  सुरजीत कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के सम्मानित पैनल के बीच बाल श्रम मुक्त समाज की अवधारणा को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस प्रयास के माध्यम से पहल प्रतिदिन बिना रुके ईमानदारी से प्रयास करते हुए

इस अभियान को आगे बढ़ाएगी तथा प्रतिदिन एक बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कराने का संकल्प लेगी। बाल अधिकारों की सुरक्षा एवं समग्र विकास को अपना लक्ष्य मानते हुए पहल संस्था ने इस अमृत काल में बाल श्रम की कुप्रथा को समाप्त करने का संकल्प लिया है। मिशन 365 एक ऐसे नए समाज के निर्माण एवं उत्थान की ओर अग्रसर होगा, जो बाल श्रम की कुप्रथा से मुक्त होगा। महासचिव डॉ. जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि, ''प्रभावित वंचित लोगों की सक्रिय भागीदारी के साथ लक्षित सामुदायिक सेवा के साथ पहल अपने मिशन 365 के साथ मजबूत एवं बाल श्रम मुक्त राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर है, ताकि 2047 में युवाओं द्वारा संचालित विकसित भारत को एक मजबूत आधार प्रदान किया जा सके।''

अपने मिशन 365 के शुभारंभ के साथ पहल अपने विजन एवं मिशन में निहित सभी क्षेत्रों में समर्पित एवं प्रतिबद्ध प्रदर्शन की 22 वर्षों की लंबी एवं प्रभावशाली यात्रा में एक और मील के पत्थर की ओर अग्रसर है। मिशन लॉन्च के बाद पर्यावरण से जुड़े एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे पर पैनल चर्चा हुई, जिसका नाम था दिल्ली-सांस और आस। "दिल्ली-सांस और आस" एक महत्वपूर्ण और विचारोत्तेजक चर्चा थी, खासकर इसलिए क्योंकि इसमें पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो शहर के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली, अपने तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बढ़ती आबादी के साथ, वायु प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसी कई पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रही है।

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