पाकिस्तान की मंत्री मरियम औरंगजेब का खुलासा: "दंगल पर बैन लगाना मेरी सबसे बड़ी गलती थी

आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी खबर की, जो india और पाकिस्तान के cinematic और cultural relationships को उजागर करती है। पाकिस्तान की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने आमिर खान की सुपरहिट फिल्म दंगल पर बैन लगाने के अपने फैसले को अपनी सबसे बड़ी गलती बताया। आखिर क्या थी वजह कि उन्होंने ये फैसला लिया? और अब उन्हें क्यों है इस बात का पछतावा? चलिए, इस पूरी कहानी को detail से समझते हैं। अगर आपको ऐसी interesting खबरें पसंद हैं, तो चैनल को सब्सक्राइब करें और बेल आइकन दबाना न भूलें
2017 में, जब दंगल दुनियाभर में धूम मचा रही थी, पाकिस्तान में इस फिल्म को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी गई। उस समय मरियम औरंगजेब पाकिस्तान की Minister of Information and Broadcasting थीं। एक हालिया पॉडकास्ट में, मरियम ने बताया कि जब दंगल रिलीज हुई थी, तब वो नई-नई minister बनी थीं। सेंसर बोर्ड और मंत्रालय के अधिकारियों ने कुछ कारणों का हवाला देकर इस फिल्म पर बैन की सिफारिश की थी। मरियम ने बिना फिल्म देखे उस सिफारिश को मंजूरी दे दी।
दंगल 2016 में रिलीज हुई थी और ये indian cinema की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है। इसने वर्ल्डवाइड 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस किया था, खासकर चीन में इसे जबरदस्त सफलता मिली। लेकिन पाकिस्तान में इसे बैन कर दिया गया, क्योंकि उस समय india -पाकिस्तान के बीच diplomatic tension चरम पर था।
मरियम औरंगजेब ने बताया कि डेढ़ साल बाद, जब उन्होंने दंगल देखी, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। ये फिल्म महावीर सिंह फोगट और उनकी बेटियों गीता और बबीता की सच्ची कहानी पर based है, जो लैंगिक रूढ़ियों को तोड़कर कुश्ती में global success हासिल करती हैं। मरियम ने कहा, “ये फिल्म हमारी लड़कियों के लिए प्रेरणादायक थी। ये कहानी हमारे समाज से भी जुड़ती थी।
उन्होंने माना कि अगर ये फिल्म पाकिस्तान में रिलीज होती, तो ये न सिर्फ वहां की लड़कियों को प्रेरित करती, बल्कि theatres को भी economic form से फायदा होता। 2008 से 2019 तक, indian फिल्में पाकिस्तान में रिलीज होती थीं और वहां अच्छा बिजनेस करती थीं। लेकिन 2019 में भारत-पाक तनाव के बाद indian फिल्मों पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया।
india और पाकिस्तान के बीच cultural exchange हमेशा से sensitive issue रहा है। 2008 से 2019 तक, indian फिल्में पाकिस्तान में रिलीज होती थीं और वहां काफी famous थीं। दंगल जैसी फिल्में न सिर्फ मनोरंजन करती हैं, बल्कि social message भी देती हैं। मरियम का ये बयान इस बात का सबूत है कि सिनेमा सीमाओं को पार कर लोगों को जोड़ सकता है।
हालांकि, 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी कलाकारों और फिल्मों पर बैन लगा दिया, और पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में भारतीय फिल्मों पर रोक लगा दी। इसका असर दोनों देशों के cinematic industry पर पड़ा। पाकिस्तान में कई सिनेमाघर बंद हो गए, क्योंकि local movies की quality और दर्शकों की पसंद भारतीय फिल्मों से मेल नहीं खा पाई।
मरियम औरंगजेब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में पंजाब सरकार में सीनियर मंत्री हैं। वो पहले दो बार federal information और Broadcasting Minister रह चुकी हैं। मरियम, मरियम नवाज की करीबी सहयोगी मानी जाती हैं और उनकी political सफर काफी Impressive रही है।
हालांकि, मरियम का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है। 2022 में, लंदन में उन पर इमरान खान की पार्टी PTI के समर्थकों ने “चोरनी” के नारे लगाए थे। लेकिन मरियम ने धैर्य के साथ उसका जवाब दिया और अपनी छवि को मजबूत रखा।
मरियम औरंगजेब का दंगल पर बैन को लेकर पछतावा इस बात का प्रतीक है कि सिनेमा न सिर्फ मनोरंजन है, बल्कि समाज को बदलने की ताकत भी रखता है। अगर भारत और पाकिस्तान cultural exchange को बढ़ावा दें, तो दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर हो सकते हैं।
तो आपका क्या मानना है? क्या मरियम का ये बयान भारत-पाक सिनेमाई रिश्तों को नई दिशा दे सकता है? क्या सिनेमा दोनों देशों के बीच पुल का काम कर सकता है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।