झारखंडी रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधा न होने से हल्कान हो रहे यात्री

झारखंडी रेलवे स्टेशन बलरामपुर जिले वासियों के लिए विशेष महत्व रखता है। दैनिक यात्रा करने वाले यात्री अधिकांश तौर पर इसी स्टेशन का प्रयोग करते है। साथ ही एमएलके महाविद्यालय सहित नगर में स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले दूर दराज के छात्र भी यहीं से अपनी यात्रा करते है। बावजूद इसके यह स्टेशन मूलभूत सुविधाओं से अछूता है। स्थिति धार्मिक पर्वो पर और ज्यादा बेपटरी हो जाती है। बता दे कि इसी स्टेशन से मकरसंक्रांति सहित मई व जून माह में नेपाल राष्ट्र स्थित प्रभुनाथ मंदिर की यात्रा का प्रारंभ यही से ट्रेन सैकड़ों की संख्या में यात्री करते है। वहीं नवरात्रि पर्व के अवसर पर शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर के दर्शन करने लिए तुलसीपुर जाने वाले यात्री भी यही से यात्रा करते है। लेकिन रेलवे विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए से यात्री हल्कान रहते है।
स्वच्छ पेय जल के लिए भटकते है यात्री
झारखंडी रेलवे स्टेशन पर शुद्ध पेय जल के लिए यात्रियों को भटकना पड़ता है। यहां पानी की टंकिया तो लगाई गई है लेकिन टोटियों के अभाव में वह सिर्फ सफेद हाथी ही साबित होती है। यात्री अखिलेश कहते है स्टेशन पर शुद्ध पेय जल की कहीं व्यवस्था नहीं है। सरकारी नल तो है जिसपर काफी मेहनत करने के बाद ही पानी आता है। जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यदि रेल नीर का ही पानी स्टेशन पर बिक्री हो तो हमें सस्ते में पानी मिल जाए। ऐसा न होने के कारण हमें रेलवे स्टेशन के बाहर महंगे दामों पर पानी खरीद कर पीना पड़ता है।
हवा महल है शौचालय
झारखंडी रेलवे स्टेशन पर बने शौचालय सुविधाओं के अभाव में निष्प्रयोज्य पड़े हुए है। शौचालयों के दरवाजे टूटे होने के कारण वह हवामहल बने हुए है। शौचालय में व उसके आसपास गन्दी की भारमर देखने को मिलती है। ऐसे स्थिति में सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पड़ती ही।
टिकट काउंटर की कमी
प्रतिदिन झारखंडी रेलवे स्टेशन से बड़ी संख्या में यात्री यात्रा करते है। बावजूद इसके यहां सिर्फ एक ही टिकट काउंटर खोला जाता है। ऐसे में यात्रियों को टिकट लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यात्री रोहित ने बताया कि यहां ट्रेन आने से कुछ देर पहले ही काउंटर खोला जाता है। जिस कारण से भीड़ होने पर टिकट लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में अधिकांश समय में ट्रेन छूट जाती है या यात्री बिना टिकट यात्रा करने को मजबूर होते है। उन्होंने कहा यहां टिकट काउंटर की संख्या बढ़नी चाहिए।
रेलवे स्टेशन का हुआ विस्तार
झारखंडी रेलवे स्टेशन का विस्तार तो हुआ लेकिन यहां यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखने की जहमत नहीं उठानी चाही। रेलवे विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण शौचालय, पेयजल की टंकिया सब निष्प्रयोज्य पड़ी हुई है। जिसका खामियाजा प्रतिदिन यात्रा करने वाले दैनिक यात्री उठा रहे है।