रंगों से खुलकर खेलना अवधेश का खुशहाल मिजाज और आत्मविश्वास है : पद्मश्री अद्वैत गणनायक

ल वे रंगों से खुलकर खेलते हैं। उनके तूलिका संचालन से ही आकारों का सृजन हो जाता है और वे संतुलित संयोजन के रूप में कला प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। यह प्रदर्शनी प्रकृति, ग्राम्य जीवन और अवधेश की जीवन यात्रा का सजीव दस्तावेज हैं। अवधेश मिश्र एक प्रख्यात कलाकार और शिक्षक हैं जिनके शिष्यों ने कला जगत में उनकी कला परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी एक पहचान बनाई है।
विशेष अतिथि आचार्य रमेश कंदगिरी, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि अवधेश के चित्रों का नाद मन के तारों को भीतर तक झंकृत कर देता है। वह सहलाता और झकझोरता है अपने को देखने और भीतर झांकने तथा अपनी यात्रा का सिंहावलोकन करने के लिए। यह चित्र प्रदर्शनी दर्शकों के लिए अविस्मरणीय रहेगी और शीघ्र ही अगली चित्र श्रृंखला का कला प्रेमियों को इंतजार रहेगा।
द सेंट्रम, शहीद पथ, लखनऊ की कला दीर्घा में चौपाल प्रदर्शनी के समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश : कल, आज और कल तथा देखना अवकाश को सद्य प्रकाशित पुस्तकों के लेखक अमल मिश्र, प्रदर्शनी के दोनों समन्वयक डॉ अनीता वर्मा एवं सुमित कुमार, मनदीप वर्मा, दिनेश तिवारी और विनीता निगम के साथ नगर के अनेक कला प्रेमी और कलाकार उपस्थित थे। प्रदर्शनी की समन्वयक डॉ लीना मिश्र ने बताया कि शीघ्र ही यह प्रदर्शनी कानपुर की गुरुकुल कला वीथिका में भी वहां के कला प्रेमियों और कलाकारों के अवलोकनार्थ आयोजित की जाएगी।