पुलिस स्मृति दिवस-2024 परेड सम्पन्न

इसके उपरांत माननीय मुख्यमंत्री उ०प्र० श्री योगी आदित्यनाथ जी का आगमन हुआ। श्री प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक उ०प्र० एवं श्री सुजीत पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी के साथ माननीय मुख्यमंत्री जी सलामी मंच पर पहुँचे। परेड द्वारा उन्हें सलामी दी गयी, तत्पश्चात श्रीमती आभा पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक, अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ द्वारा शहीद पुस्तिका को ससम्मान सलामी मंच तक लाया गया, जहाँ पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी ने शहीद पुस्तिका को सलामी मंच पर प्रतिस्थापित किया।
मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम देश के समस्त शहीद पुलिस जन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहां पर एकत्र हुए हैं जिन्होंने समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्राणों का बलिदान देकर अप्रतिम कर्तव्य परायणता का परिचय दिया है। वर्ष 2023-24 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों में उत्तर प्रदेश पुलिस के भी दो बहादुर पुलिसकर्मी शामिल है। मै इस अवसर पर सभी शहीद पुलिस जन को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। हमारे जांबाज पुलिस कार्मिकों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें निरंतर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा मनोयोग एवं दायित्वबोध के साथ आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता रहेगा। शहीद पुलिसजन के परिवार के सदस्यों को मैं आश्वस्त करना चाहूँगा कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी तत्परता के साथ प्रतिबद्ध है।
मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा अपने उद्बोधन के दौरान निम्न घोषणायें की गयींः-
1. पुलिस बल के समस्त कर्मियों को वर्दी भत्ता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। पिछले बार 2019 में इस भत्ते में बढ़ोतरी की गयी थी। वर्तमान परिवेश में वर्दी के खरीद और रख रखाव में हो रहे खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावानुसार इसमें बढ़ोतरी किये जाने की घोषणा की जाती है। इसमें आने वाले कुल खर्च में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है। इससे 58 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्ययभार आएगा जिसका वहन उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किया जायेगा। उक्त वृद्धि से उत्तर प्रदेश पुलिस के निरीक्षक स्तर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के लगभग 04 लाख पुलिस कर्मी लाभान्वित होंगे।
2. पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के कर्त्तव्य पालन के दौरान मृत्यु होने पर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कर्मी के पत्नी और माता पिता के जीवित नहीं रहने की दशा में शासनादेश में वर्णित व्यवस्थानुसार मृतक / शहीद के परिवार को पूर्ण धनराशि नहीं मिलने की समस्या पर विचार कर यह निर्णय लिया गया है की वर्तमान शासनादेश को संशोधित करते हुए अनुग्रह की संपूर्ण धनराशि 25 या 50 लाख जैसा की अनुमन्यता है पूर्णतः मृतक / शहीद की पति/पत्नी या माता पिता या जो भी कानूनी वारिस हो उसको उपलब्ध कराया जायेगा।
3. पुलिस विभाग के कार्य की आकस्मिकता के कारण मुख्य आरक्षी और आरक्षी के लिए बैरक में रहना प्राविधानित है। लगभग 1 लाख से ज्यादा ऐसे कर्मियों के लिए वर्ष 2013 में पुलिस एकोमोडेशन अलाउंस की व्यवस्था की गयी थी। इस भत्ते में प्रस्तावानुसार बढ़ोतरी की घोषण की जाती है। इससे पुलिस बल के 25 प्रतिशत से ज्यादा अल्प वेतनभोगी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस पर होने वाले 47 करोड़ के अतिरिक्त खर्च का वहन उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।
4. पुलिस में खेलकूद को और आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। कुशल खिलाडियों की भर्तियां नियमित की गयी हैं, जिससे कुशल खिलाडियों की संख्या बढ़ कर 1000 से ज्यादा हो गयी हैं। वहीं पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय खेल कूद में ज्यादा पदक जीत कर इन खिलाडियों ने प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है। इस क्रम को निरंतरता प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिस बजट में जो 70 लाख रूपए प्राविधानित किये गए थे वह अब पर्याप्त नहीं हैं, अतः इसको अगले वित्तीय वर्ष के बजट में बढ़ा कर रूपए 10 करोड़ किये जाने के घोषणा की जाती है जिससे इन खिलाडियों के प्रशिक्षण, ट्रेनर, फिजियो, आहार, खेल उपकरण की बेहतर व्यवस्था किया जा सके।
5. वर्ष 2019 से पुलिस के लिए बहुमंजिले आवासीय और प्रशासनिक भवन प्राविधानित किये गए हैं। अभी इनकी संख्या 200 के लगभग हो गयी है और आगे और भी निर्माण के लिए प्रस्तावित हैं। इन भवनों में लगे लिफ्ट, अग्निशमन उपकरण, सोलर संयन्त्र, एसटीपी प्रक्रिया संयंत्र के रख रखावो के लिए कालांतर में धन की आवश्यकता होगी, इसके लिए मैं 1380 करोड़ के कॉर्पस फण्ड की घोषणा करता हूँ जिससे इन भवनों का रख रखाव बेहतर तरीके से हो सके, साथ ही जैसा की प्रस्तावित किया गया है की अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में लगने वाले पुलिस बलों पर उठने वाले खर्च को नियमित करने के लिए यथा प्रस्तावित शुल्क लगाए जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है जो पुलिस
महानिदेशक के अधीन रहेगा और उसका इस्तेमाल प्रस्तावित किये जाने वाले कॉर्पस
नियमावली के अंतर्गत किया जायेगा।
मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा अपने उदबोधन में उत्तर प्रदेश पुलिस के अन्य उल्लेखनीय कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश पुलिस के सभी सदस्य पूरी ईमानदारी कर्तव्य परायण्ता व जन सेवा की भावना से कार्य करते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के मन में सुरक्षा की भावना को और सुदृढ़ प्रदान करने में अपना सहयोग करेंगे कर्तव्य पथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के वीर शहीदों को मैं एक बार फिर से अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा गया कि, हम सभी प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को 'पुलिस स्मृति दिवस' के रूप में, उन वीर शहीद पुलिसजन को श्रद्धांजलि देने के लिये मनाते हैं, जिन्होंने राष्ट्र व समाज की रक्षा के लिये, कर्तव्यपालन में समर्पण और बलिदान का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करते हुये अपने प्राणों की आहुति दी है।
वीरों की वीरगाथायें सदैव जनमानस को प्रेरणा देती हैं। ऐसा ही प्रेरणादायी इतिहास 65 वर्ष पूर्व का है। 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टुकड़ी देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगी थी। अचानक शत्रु सेना ने उन्हें घेर लिया परन्तु हमारे 10 जवानों ने अपने अदम्य साहस व शौर्य का परिचय देते हुए मातृभूमि की रक्षा में जवाबी कार्यवाही करते हुए कर्तव्य पथ पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। इन्हीं वीर सपूतों की याद में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
मा० मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा, उनके अमूल्य निर्देशन में सुदृढ़ कानून व्यवस्था एवं अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के अन्तर्गत उ०प्र० पुलिस द्वारा की गयी प्रभावी कार्यवाही के फलस्वरूप प्रदेश को माफियाओं एवं संगठित अपराधियों से मुक्त करते हुये एक सुरक्षित एवं समृद्ध प्रदेश का निर्माण कर जनता में सरकार का विश्वास कायम किया है।
मा० मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश भर में आपरेशन कन्विक्शन अभियान संचालित कराया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत मिशन मोड में कार्यवाही करते हुये अबतक आपरेशन कन्विक्शन के अन्तर्गत 55 हजार से अधिक अभियुक्तों को सजा दिलायी जा चुकी है।
मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा पुलिस की कार्य प्रणाली, आधुनिक विविध चुनौतियों के अनुरूप गुणवत्तापरक हो, साथ ही जनभावनाओं व जन अपेक्षाओं के भी अनुरूप हो, इस दूरदर्शी परिकल्पना के दृष्टिगत पुलिस की जनशक्ति एवं प्रशिक्षण में हुये गुणात्मक परिवर्तन प्रदेश पुलिस नित नये आयाम स्थापित कर रही है। UP 112 की सेवा के माध्यम से पुलिस की गतिशीलता को बढ़ाते हुये उसका रिस्पांस टाईम घटकर लगभग 08 मिनट हो गया है।
मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा पुलिस कर्मियों के वेलफेयर को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये उनके भत्तों, आवासीय एवं बुनियादी सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि किये जाने की जो घोषणा की गयी है, उसका मैं सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से आभार व्यक्त करता हूँ। मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी घोषणाओं से उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस कर्मियों के मनोबल में वृद्धि होगी तथा वह और अधिक मनायोग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
विगत वर्ष सम्पूर्ण भारतवर्ष में कुल 216 पुलिसजन ने कर्तव्य की वेदी पर प्राणों की आहुति दी, इनमें उत्तर प्रदेश के 02 पुलिसजन कमशः आरक्षी रोहित कुमार जनपद फतेहगढ़ व आरक्षी सचिन राठी जनपद कन्नौज सम्मिलित हैं।
मैं इन दिवंगत पुलिसजनों को समस्त पुलिस परिवार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूँ। ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि उनके परिवारीजनों को इस अपूर्णनीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
इसके बाद शहीद पुस्तिका वापस प्राप्त कर वाहक द्वारा शहीद स्मारक स्थल तक ले जायी गयी।
शहीद स्मारक स्थल पर मा० मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी. मा० मंत्रीगण, मुख्य सचिव उ०प्र०, पुलिस महानिदेशक उ०प्र०, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना तथा पुलिस / प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस कर्मियों तथा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्पचक व पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन् किया गया। पुलिस बलों द्वारा शहीदों को सलामी दी गयी तथा शोक प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर मा० मुख्यमंत्री जी उ०प्र० द्वारा शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये अपने संबोधन के उपरांत शहीद पुलिसजनों के परिजनों से भेंट कर उनकी कुशलक्षेम पूछते हुये उन्हे सम्मानित किया गया।