'अंतःस्रावी रोगों के निदान और प्रबंधन’ पर सार्वजनिक व्याख्यान ने दी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र थायरॉइड और पैराथायरॉइड विकारों का निदान, मूल्यांकन और प्रबंधन था। प्रोफेसर मिश्रा ने अत्यंत सरल भाषा में इन रोगों के लक्षण, निदान की प्रक्रिया और उपचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिससे श्रोताओं को विषय की गहरी समझ प्राप्त हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ एवं परिचय
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जो ज्ञान की खोज का प्रतीक है। इसके बाद, जूलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एम. सिराजुद्दीन ने स्वागत भाषण दिया और विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इसके पश्चात, प्रोफेसर शाली मलिक, जो SERB अनुदान परियोजना का संचालन कर रही हैं, ने SERB-SSR नीति और शिक्षाविदों में इसकी भूमिका पर संक्षिप्त जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने प्रोफेसर आनंद मिश्रा की उपलब्धियों का परिचय कराया।
प्रो. आनंद मिश्रा का व्याख्यान
प्रोफेसर आनंद मिश्रा ने थायरॉइड और पैराथायरॉइड विकारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने: लक्षणों (Symptoms), निदान की विधियों (Diagnostic Methods), प्रबंधन रणनीतियों (Management Strategies), औषधीय एवं शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप (Medications & Surgical Interventions) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस व्याख्यान की विशेषता इंटरैक्टिव प्रारूप थी, जिसमें प्रतिभागियों को प्रश्न पूछने और गहन चर्चा करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम का समापन
यह व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा और उन्होंने अंतःस्रावी तंत्र के जटिलताओं को बेहतर ढंग से समझा। कार्यक्रम की सफलता सभी प्रतिभागियों और आयोजकों के सहयोग का परिणाम रही।
अंत में, डॉ. अमित त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया और इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।