क्वांटम इंपैक्ट-2025 : कला और शिक्षा का एक उत्सवपूर्ण मिलन

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कला व्यवसाय से जुड़े समर्थ नारायण ने उद्यमियों के रूप में कलाकारों की भूमिका पर चर्चा की, उन्हें अपने ब्रांड के निर्माण में सक्रिय कदम उठाने और अपने काम में व्यावसायिक क्षमता को पहचानने के लिए प्रोत्साहित किया।
कला और मनोविज्ञान के अंतर्संबंध पर शिवानी धामा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से वक्ता के रूप में कला और मनोविज्ञान के बीच जटिल संबंधों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में से एक फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की संस्थापक और निदेशक नेहा सिंह थीं, जिन्होंने विभिन्न भारतीय राज्यों से प्राप्त कलाकृतियों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। तैयार किए गए कला संग्रह में पारंपरिक से लेकर समकालीन शैलियों तक की विविध प्रकार की अभिव्यक्तियाँ प्रदर्शित की गईं, जिससे मेहमानों को क्यूरेटर भूपेन्द्र अस्थाना और राजेश कुमार द्वारा अच्छी तरह से तैयार की गई कला की परिवर्तनकारी शक्ति को देखने का एक अनूठा अवसर मिला। वक्ताओं ने अपनी गहरी अंतर्दृष्टि से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया कि कैसे कला और शिक्षा छात्रों के बीच महत्वपूर्ण सोच, नवाचार और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देते हैं।