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बीएसए-डीसी बालिका और वार्डन पर सवाल खड़े करते हुए सीडीओ ने तैयार की जांच रिपोर्ट, आखिर क्यों दबाई घटना

जांच कमेटी में शामिल मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल, एडीएम बलराम सिंह ने रिपोर्ट तैयार की हैं. सीडीओ ने बताया कि जांच में सामने आया हैं कि घटना लगभग डेढ़ बजे की हैं. वार्डन रीना को सबसे पहले ग घटना का पता चला. वार्डन ने किसी को घटना नहीं बताई. करीब तीन बजे जिला समन्वय बालिका नेमपाल को घटना के बारे में बताया
. उन्होंने भी कुछ देर तक घटना को दबाए रखा और बीएसए आशा चौधरी को छह बजकर 30 मिनट पर घटना के बारे में बताया गया. बीएसए ने भी बड़ी गलती करते हुए देर रात नौ बजकर 40 मिनट पर सीडीओ को घटना की जानकारी दी. जिसके तुरंत बाद सीडीओ ने डीएम को बताया. इसके बाद सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे. सवाल यह उठ रहा हैं कि आखिर इन सभी अधिकारियों ने घटना को क्यों दबाए रखा. रिपोर्ट में बीएसए, जिला समन्वय बालिका नेमपाल सिंह, वार्डन को सवालों के घेरे में खड़ा किया गया हैं. उधर डीएम का कहना हैं कि इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सीसीटीवी फुटेज में जाते दिख रही लड़कियां
सीडीओ नूपुर गोयल ने बताया कि एक सीसीटीवी कैमरे में दो लड़कियां आराम से बाहर जाते हुए दिख रही हैं. उनके साथ कोई युवक नहीं दिख रहा है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया हैं. जिसकी जांच की जा रही हैं.
पांच विद्यालयों का अधिकारी कर रहे निरीक्षण
सीडीओ ने बताया कि जनपद के पांच कस्तूरबा विद्यालय हैं. जिसमे मवाना, खरखोदा, सरूरपुर, सादर, परीक्षितगढ़ शामिल हैं. इन सभी में निरीक्षण के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, डीपीआरओ की टीम बनाकर भेजा गया हैं
मेरठ के कस्तूरबा विद्यालय से 3 छात्राएं लापता हैं। गुरुवार सुबह से लापता छात्राओं के बारे में विद्यालय प्रबंधन और BSA ने शाम तक प्रशासन से छुपाए रखी। ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को सूचना दिए जाने पर एक्शन शुरू हुआ।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) April 4, 2025
आखिर ये बच्चियां गईं कहाँ? उनके गायब होने की सूचना क्यों छुपाई गयी?… pic.twitter.com/vA3iFQD37T