संसद के शीतकालीन सत्र में राहुल गांधी की आग भरी स्पीच, भाजपा पर किए तीखे हमले

 
 Rahul Gandhi's EXPLOSIVE Speech in Parliament:

आज हम बात करने वाले हैं संसद के शीतकालीन सत्र की उस आग उगलती स्पीच की, जिसने पूरी भाजपा को हिला कर रख दिया। जी हाँ, मैं बात कर रही  हूँ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस धमाकेदार भाषण की, जिसमें उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर सीधा हमला बोला। वोट चोरी, चुनाव आयोग पर कब्ज़ा, संस्थाओं को खत्म करने की साजिश… सब कुछ खोलकर रख दिया। 

मंगलवार को शीतकालीन सत्र में चुनाव सुधार पर बहस चल रही थी। टॉपिक था – स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR, जिसमें चुनाव आयोग अलग-अलग राज्यों में वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा करने का नाम पर लाखों-लाख वोटरों के नाम काट रहा है। विपक्ष महीनों से चिल्ला रहा था कि ये SIR नहीं, वोटरों का सफाया है। आखिरकार बहस शुरू हुई और जैसे ही राहुल गांधी बोलने खड़े हुए… सदन में भूचाल आ गया! राहुल गांधी ने सबसे पहले भाजपा की सोच पर सीधा वार किया। उन्होंने कहा,

"ये लोग समानता में विश्वास नहीं करते। ये हायरार्की में विश्वास करते हैं। इनको लगता है कि हिंदुस्तान में एक खास तबका सबसे ऊपर रहेगा, बाकी सब नीचे। ये लोग भारत को एक कपड़ा मानते ही नहीं। भारत इनके लिए कपड़ा नहीं, इनके लिए ये कोई जागीर है जिस पर ये कब्ज़ा करना चाहते हैं।"फिर राहुल गांधी ने सीधे गोडसे और आरएसएस का नाम लिया। बोले,

"महात्मा गांधी ने खादी पहनकर पूरे देश को जोड़ा था। एक-एक धागे से कपड़ा बनता है, एक-एक नागरिक से देश बनता है। लेकिन नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता की हत्या कर दी। आज उसी विचारधारा के लोग सत्ता में हैं। आरएसएस को समानता से दिक्कत है। ये चुनाव आयोग पर कब्ज़ा करना चाहते हैं, न्यायपालिका पर कब्ज़ा करना चाहते हैं, मीडिया पर कब्ज़ा करना चाहते हैं… हर संस्था पर कब्ज़ा!"यहाँ सदन में हंगामा शुरू हो गया। किरेन रिजिजू खड़े हो गए और बोले,

"सर, हम सुनने बैठे हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष टॉपिक से भटक रहे हैं। चुनाव सुधार पर बोलिए, आरएसएस पर नहीं!"लेकिन राहुल रुके नहीं। उन्होंने कहा,
"अगर वोट ही नहीं बचेगा, तो लोकसभा क्या बचाएंगे? राज्यसभा क्या बचाएंगे? विधानसभाएँ क्या बचाएंगी? पहले वोट बचाओ, फिर संसद बचाओ! आज लाखों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब किए जा रहे हैं। खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक इलाकों में। ये कोई संयोग नहीं है, ये सुनियोजित साजिश है!"अब दो नई बातें जो राहुल गांधी ने कही और मीडिया ने दबा दीं…पहली बात – राहुल गांधी ने खुलेआम कहा,

"आज चुनाव आयोग के अंदर जो हो रहा है, वो देश देख रहा है। एक खास पार्टी के कहने पर रातों-रात वोटर लिस्ट बदल दी जाती है। महाराष्ट्र में हुआ, हरियाणा में हुआ, अब उत्तर प्रदेश और बिहार में हो रहा है। ये लोग लोकतंत्र को मारना चाहते हैं। अगर वोट चोरी हो जाएगी, तो 2029 में भी ये लोग कहेंगे – देखो हम 400 पार कर गए!"दूसरी सबसे बड़ी बात – राहुल गांधी ने भाजपा के अंतर्विरोध को पकड़ा। बोले,

"ये लोग कहते हैं हम हिंदू हैं, लेकिन महात्मा गांधी को मारने वाले की विचारधारा को पाल रहे हैं। ये कहते हैं हम राष्ट्रवादी हैं, लेकिन देश की हर संस्था को कमजोर कर रहे हैं। ये कहते हैं हम गरीबों के लिए काम करते हैं, लेकिन गरीब का वोट ही छीन रहे हैं। ये दोहरी बात क्यों? क्योंकि इनको लोकतंत्र से डर लगता है। इनको पता है कि अगर एक-एक वोट गिना गया, तो ये सत्ता से बाहर हो जाएंगे!"दोस्तों, राहुल गांधी ने 15 मिनट में वो सारी बातें कह दीं जो विपक्ष पिछले 10 साल से चिल्ला रहा था। सदन में भाजपा के सांसद बार-बार टोका-टाकी करते रहे, लेकिन राहुल नहीं रुके। आखिर में स्पीकर को भी कहना पड़ा – "प्लीज स्टिक टू द सब्जेक्ट", लेकिन राहुल बोले, "ये सब्जेक्ट ही है सर! चुनाव सुधार का मतलब ही है – चुनाव आयोग को आजाद करो, वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा करो, और लोकतंत्र को बचाओ!"तो  ये थी राहुल गांधी की पूरी स्पीच। अब आप बताइए कमेंट में – क्या राहुल गांधी सही कह रहे हैं? या भाजपा वाले सही हैं कि ये सिर्फ ड्रामा है?

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