राजनीति के भीष्म पितामह थे राजा आनन्द सिंह : रामभजन चौबे
Raja Anand Singh was the Bhishma Pitamah of politics: Rambhajan Choubey
Mon, 7 Jul 2025
गोंडा/लखनऊ डेस्क (प्रत्यूष पांडेय)
गोंडा जनपद के वरिष्ठतम राजनेता और पूर्व सांसद कुंअर आनन्द सिंह के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तरबगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी रामभजन चौबे ने बेलसर स्थित पार्टी कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें "राजनीति का भीष्म पितामह" बताया।
रामभजन चौबे ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद गोंडा की राजनीति को नई दिशा देने वाले राजा आनन्द सिंह का निधन एक युग का अंत है। वे न केवल अपने विचारों के लिए जाने जाते थे, बल्कि सच्चे अर्थों में आदर्शवादी और सिद्धांत आधारित राजनीति के प्रतीक थे। आमजन से उनका मधुर व्यवहार, दूरदर्शी सोच और सादगी उन्हें जनता के बीच अत्यंत प्रिय बनाती थी। प्रदेश की राजनीति में उन्हें ‘यूपी टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता था।
राजनीतिक सफर
4 जनवरी 1939 को मनकापुर के शाही परिवार में जन्मे कुंअर आनन्द सिंह ने अपने पिता राजा रघुराज प्रताप सिंह के निधन के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।
1964, 1967 और 1969 में विधायक निर्वाचित होकर कृषि मंत्री बने।
1971 में संगठन कांग्रेस से सांसद बने।
1980, 1984 और 1989 में इंदिरा कांग्रेस से सांसद निर्वाचित हुए।
1996 में समाजवादी पार्टी में शामिल होकर
2012 में गौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कैबिनेट में पुनः कृषि मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
उनका जीवन जनसेवा, विकास और पारदर्शिता की मिसाल रहा है। उनका जाना प्रदेश की राजनीति में एक बड़ी क्षति है।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में शामिल रहे
पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज कुमार चौबे, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष आनन्द स्वरूप यादव, प्रमोद चौबे, रिंटू सिंह, दिलीप पांडेय, धर्मेंद्र तिवारी सहित कई कार्यकर्ता और स्थानीय नेता उपस्थित रह
राजा आनन्द सिंह की राजनीतिक सूझबूझ, नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
