बिम्सटेक देशों को यूपीआइ से जोड़ने को तैयार: मोदी

बिम्सटेक देशों के बीच संबंध बढ़ाने को पीएम मोदी का 21 सूत्री फार्मूला
 
बिम्सटेक देशों को यूपीआइ से जोड़ने को तैयार: मोदी

 इसमें भारत की तरफ से बिम्सटेक के सभी देशों की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भारत की यूपीआइ से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है। बिम्सटेक देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत बिम्सटेक को सार्क संगठन के विकल्प के तौर पर स्थापित करने की मंशा रखता है।

 बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष बना है। भारत व बांग्लादेश के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इसके अन्य सदस्य हैं। इन देशों ने बिम्सेटक 2030 का ²ष्टिपत्र तैयार किया है जो इनके बीच संबंधों को दिशा देने का काम करेगा।पीएम मोदी ने कहा कि, बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। 


बिम्सटेक को और सशक्त बनाने के लिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा। सदस्य देशों के गृह मंत्रियों के बीच विमर्श का एक ढांचा तैयार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सदस्यों के बीच साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी के खिलाफ यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है। 

इसकी पहली बैठक भारत में कराने का प्रस्ताव है। बिम्सटेक के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की राह निकालने के लिए बंगलुरू में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने का काम तेज हो।पीएम मोदी ने कहा कि, “व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।


 इसके लिए मैं बिम्सेटक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं। साथ ही, हर साल सदस्य देशों के बीच एक कारोबार सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी। मेरा सुझाव है कि बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक संभाव्यता अध्ययन भी की जानी चाहिए।'' पीएम मोदी ने ¨हद महासागर को खुला, सुरक्षित व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया। सनद रहे कि शुक्रवार को सदस्य देशों के बीच समुद्री यातायात सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ है। इससे सदस्य देशों के बीच आवागमन व कारोबार में काफी सहूलियत मिलेगी।
 

Tags