अथक संघर्ष से खुलेंगे सफलता के द्वार :अनुराग श्रीवास्तव

जो आप सभी ने अपने शिक्षकों और माता-पिता के मार्गदर्शन में सीखा है। आपकी यह यात्रा केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि यह व्यक्तित्व निर्माण, नेतृत्व क्षमता और जीवन के मूल्यों को आत्मसात करने की प्रक्रिया भी है। जीवन में आगे बढ़ते समय चुनौतियाँ भी आएँगी और अवसर भी। सफलता का असली मापदंड केवल अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना है। जीवन में अपने मानवीय मूल्यों, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को बनाए रखना ही आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।मैं आप सभी को यही संदेश देना चाहूँगा कि स्वयं पर विश्वास रखें, कभी भी सीखना न छोड़ें और अपने माता-पिता एवं शिक्षकों का हमेशा सम्मान करें।
आप जहाँ भी जाएँ, वहाँ अपने विद्यालय और देश का नाम रोशन करें।आप सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ। हमें पूरा विश्वास है कि आप जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। यह विद्यालय हमेशा आपके प्रयासों पर गर्व करेगा।
प्रबंधक आसिफ खान नें विद्यार्थियों को मेहनत का महत्व बताते हुए कहा कि सच्ची मेहनत कभी व्यर्थ नहीँ जाती।मेहनत करने बाला हर इंसान कामयाब होता हैँ। विद्यालय के प्रधानाचार्य अनुराग बाजपेयी एवं अन्य सभी अध्यापक पूरी मेहनत व लगन के साथ अपनी जिम्मेदारी पिछले 15 वर्षो से निभा रहे हैँ।
कार्यक्रम मे अतिथि के रूप मे आमंत्रित अनुराग श्रीवास्तव संयोजक मित्र परिवार नें अपने विचार रखते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन हमारा सर्वश्रेष्ठ जीवन होता हैँ जिसमे हम अपने जीवन को उन्नति के शिखर पर ले जाने के लिए तैयार करते हैँ।
योगेंद्र यादव नें बताया कि कैसे निरंतर प्रयास से हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते है। विधि छात्र सत्यम सक्सेना नें विद्यार्थियों को एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य को ध्यान मे रखकर निरंतर संघर्षरत रहने के संकल्प दिलाते हुए अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा रचित "निर्माणो के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें" कविता सुनाते हुए ओज से भर दिया और उन्हें शिक्षित होकर राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने कर मूल मंत्र दिया। कार्यक्रम में अनुराग बाजपेयी प्रधानाचार्य, तनवीर खान, राजीव कुमार, मान सिंह, राहुल मिश्रा, सत्यदेव, अदीबा खान, इमराना बी, रामशा, नैंशी आदि शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।