राहुल बनाम प्रियंका? रेणुका चौधरी ने दी “सेब और संतरे” वाली नसीहत
आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी खबर की जो इन दिनों राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा में दिए गए भाषणों पर एक अनोखा और मजेदार बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका "सेब और संतरे की तरह" हैं – मतलब दोनों अलग-अलग हैं, दोनों बेहतरीन हैं, लेकिन इनकी आपस में तुलना नहीं की जा सकती!दोस्तों, ये बयान क्यों दिया गया? चलिए पूरी कहानी detail से समझते हैं। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और पिछले कुछ दिनों में गांधी भाई-बहन ने लोकसभा में अपने-अपने भाषण दिए। प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर चर्चा में हिस्सा लिया। ये उनका लोकसभा में पहला बड़ा भाषण था, और इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर तीखा हमला बोला। प्रियंका ने नेहरू जी के हवाले से मोदी जी की बातों का जवाब दिया, संविधान की रक्षा की बात की, और देश में डर के माहौल पर सवाल उठाए। उनका भाषण काफी प्रभावशाली रहा – शांत लेकिन तीखा, और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लेकर कई लोगों ने उनकी तारीफ की। यहां तक कि राहुल गांधी ने खुद कहा, "प्रियंका का भाषण सुनो!"
दूसरी तरफ, राहुल गांधी ने चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी वोटर लिस्ट की सफाई पर भाषण दिया। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए – कहा कि बीजेपी के साथ मिलकर वोट चोरी हो रही है, लोकतंत्र को खतरा है। राहुल का स्टाइल हमेशा की तरह आक्रामक और मुद्दों पर सीधा हमला करने वाला था। उन्होंने तीन मांगें रखीं और सरकार को घेरा। अब चर्चा शुरू हुई कि प्रियंका का भाषण ज्यादा प्रभावी था, जबकि राहुल ने मौका गंवा दिया। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों तक ये बहस छिड़ गई – कौन बेहतर स्पीकर है, राहुल या प्रियंका? इसी पर जब NDTV ने रेणुका चौधरी से सवाल किया कि सदन में राहुल अच्छा नहीं बोले लेकिन प्रियंका ने कमाल कर दिया, तो रेणुका जी ने मुस्कुराते हुए कहा – "बस कहने की बात है! दोनों अलग-अलग विषयों पर बोल रहे थे। प्रियंका ने अपने सब्जेक्ट पर बोला, राहुल ने अपने पर। दोनों का स्टाइल अलग है। सबके बोलने का तरीका अलग होता है। राहुल और प्रियंका की तुलना नहीं की जा सकती। मुझे नहीं लगता कोई अच्छा या बुरा है। दोनों अपने-अपने हिसाब से बोलते हैं।"और फिर वो मशहूर लाइन – "वे सेब और संतरे की तरह हैं! जिनकी आपस में तुलना नहीं की जा सकती और न ही की जानी चाहिए।" रेणुका जी ने दोनों की जमकर तारीफ की और कहा कि कांग्रेस के लिए राहुल और प्रियंका दोनों ही अनमोल हैं, जैसे फलों में सेब और संतरा दोनों स्पेशल होते हैं।
रेणुका चौधरी का ये बयान इसलिए खास है क्योंकि ये न सिर्फ तुलना की बहस को खत्म करता है, बल्कि कांग्रेस में एकता का message भी देता है। राहुल लंबे समय से विपक्ष के नेता हैं, भारत जोड़ो यात्रा से लेकर कई मुद्दों पर लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रियंका नई हैं संसद में, लेकिन उनकी एंट्री धमाकेदार रही। दोनों का कॉम्बिनेशन कांग्रेस को मजबूती दे रहा है। क्या आपको लगता है कि प्रियंका का भाषण राहुल से बेहतर था ? या रेणुका जी सही कह रही हैं कि तुलना गलत है? कमेंट में जरूर बताएं।
इस पूरे मामले से एक बात साफ होती है कि कांग्रेस अब राहुल और प्रियंका के इस जोड़ी पर काफी भरोसा कर रही है। आने वाले दिनों में, खासकर 2029 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, ये भाई-बहन की जोड़ी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। प्रियंका की aggression और राहुल की मुद्दों पर गहराई – दोनों मिलकर विपक्ष को नई ताकत दे रहे हैं। कई analyst तो ये भी कह रहे हैं कि प्रियंका की संसद में एंट्री से कांग्रेस का नैरेटिव बदल रहा है और पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश आया है।क्या आपको लगता है कि प्रियंका का भाषण राहुल से बेहतर था? या रेणुका जी सही कह रही हैं कि तुलना गलत है ?
इसके साथ ही बात करते है एक और मज़ेदार statement की, साल 2018 में हुआ और आज भी लोगों की जुबान पर है! जी हां, वो वाकया जब राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना भाषण दे रहे थे, और अचानक कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी जोर-जोर से हंसने लगीं। पीएम मोदी आधार कार्ड की शुरुआत पर बात कर रहे थे, तभी रेणुका जी की ये तेज हंसी पूरे सदन में गूंज गई। राज्यसभा के तत्कालीन अध्यक्ष वेंकैया नायडु जी नाराज हो गए और बोले, "रेणुका जी, आपको क्या हो गया है? अगर कोई समस्या है तो डॉक्टर के पास जाइए!" वेंकैया नायडु जी उन्हें टोक ही रहे थे कि मुस्कुराते हुए पीएम मोदी ने बीच में टोकते हुए कहा, "सभापति जी, मेरी आपसे विनती है – रेणुका जी को कुछ मत कहिए। रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का सौभाग्य आज जाकर मिला है!"दोस्तों, मोदी जी की ये लाइन सुनकर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा! बीजेपी सांसदों ने डेस्क थपथपाए, और रेणुका जी की हंसी अचानक बंद हो गई। ये कमेंट रामायण टीवी सीरियल की मशहूर राक्षसी हंसी की तरफ इशारा था, जो 80 के दशक में बेहद पॉपुलर था।इसके बाद काफी विवाद हुआ – कांग्रेस ने इसे अपमानजनक बताया, जबकि कई लोगों ने मोदी जी की त्वरित बुद्धि की तारीफ की। लेकिन ये पल भारतीय राजनीति के सबसे मजेदार और यादगार मोमेंट्स में से एक बन गया!
