हिन्दी शोधार्थियों से अंग्रेजी में प्रश्नपत्र देने पर शोध निदेशक ने जताया विरोध
 

Research director expressed opposition to giving question paper in English to Hindi researchers
Research director expressed opposition to giving question paper in English to Hindi researchers
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।गोंडा में हिंदी दिवस के दो दिन पूर्व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में अन्य विषय के साथ हिंदी शोधार्थियों को  पीएच.डी. शोधार्थियों से शोध नैतिकता संबंधी प्रश्नपत्र को अंग्रेजी में पूछकर राजभाषा नीति का खुला उल्लंघन और उसका मजाक बनाया जा रहा है। 

Research director expressed opposition to giving question paper in English to Hindi researchers
 एलबीएस महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष व शोध निदेशक डा. शैलेन्द्रनाथ मिश्र  व साकेत महाविद्यालय अयोध्या के अग्रेजी प्राध्यापक डा. जनमेजय तिवारी ने विश्वविद्यालय के रवैये पर विरोध करते हुए कहा कि अवध क्षेत्र हिंदीभाषी प्रदेश का हृदय है।  हिंदी के पालक क्षेत्र में स्थित अवध विश्वविद्यालय में हिंदी के विद्यार्थियों को   अंग्रेजी में प्रश्न पत्र देकर हल करने के लिए विवश करना राष्ट्र भाषा का अपमान है।  परीक्षा में हिंदी और अन्य विषयों के शोधार्थी तब हक्का-बक्का रह गए, जब उन्हें प्रश्न पत्र अंग्रेजी में दिया गया; जबकि हिंदीतर क्षेत्र में भी द्विभाषिकता बनी रहती है। 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1934 में पीतांबर दत्त बड़थ्वाल ने हिंदी का शोध प्रबंध अंग्रेजी में प्रस्तुत किया था। उसके बाद अंग्रेजों ने भी हिंदी में शोध की गतिविधि के लिए हिंदी माध्यम को अनुमति प्रदान कर दी थी। लेकिन अवध विश्वविद्यालय में जो हिंदी भाषा के विकास के लिए हिंदी शोधार्थियों को भी शोध प्रविधि की परीक्षा अंग्रेजी में देने के लिए विवश कर रहा है।

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