नैक से उत्कृष्ट ग्रेडिंग पाने का लीजिए संकल्प

Resolve to get excellent grading from NAAC
NAAC Sankalp Workshop was organized in Dr. APJ Abdul Kalam Technical University to guide the affiliated institutions for NAAC Accreditation, Governor and Assistant Chancellor Anandiben Patel presided over the program.
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पांडेय )। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सोमवार को संबद्ध संस्थानों में नैक एक्रीडिटेशन के मार्गदर्शन के लिए नैक संकल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में लखनऊ बांदा झांसी कानपुर देहात, कानपुर नगर उन्नाव कन्नौज मैनपुरी बाराबंकी बरेली रायबरेली सीतापुर शाहजहां के 193 संस्थाओं के निदेशक, आईक्यूएसी के समन्वयकों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश में नैक मूल्यांकन को लेकर एक माहौल विकसित हुआ है।

विश्वविद्यालय नैक में उत्कृष्ट ग्रेडिंग पा रहे हैं। यह परिणाम काफी प्रयास और परिश्रम के बाद मिलना शुरू हुआ है। अब संबद्ध संस्थानों को भी नैक से अच्छी ग्रेडिंग पाने के लिए तैयारी करने की जरूरत है। ऐसे में यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की एक अच्छी पहल है। नैक में ग्रेडिंग पाने के लिए सबसे पहले कुछ करने का संकल्प लेना होगा। यह संकल्प ही कार्यसिद्धी में सहायक बनेगा। इस दिशा में बढ़ते हुए सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। कहा कि संस्थान में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का फोटोग्राफ होना चाहिए। साथ ही उस पर पूरी जानकारी देते हुए कैप्शन भी लिखा जाना चाहिए। संस्थान में जो भी सुविधाएं हों उसका प्रस्तुतिकरण बेहतर ढंग से करना होगा।

संस्थान में मेंटी मेंटर होना भी जरूरी है। छात्रों और शिक्षकों का संस्थान के प्रति फीडबैक का भी बहुत महत्व है। उनके फीडबैक के आधार पर बहुत से सुधार किये जा सकते हैं। शिक्षकों को क्लासरूम के अलावा ऑनलाइन लेक्चर तैयार कर उसे जारी करना चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र उसका लाभ उठा सकें। कहा कि अभी शोध और पेटेंट के मामले में हम काफी पीछे हैं। हमारे स्वभाव में ही शोध करना नहीं है। इस मानसिकता से निकलना होगा। समाज में तमाम ऐसे विषय हैं जिस पर शोध किया जा सकता है। इसी तरह पेटेंट का कॉमर्सलाइजेशन भी बेहद जरूरी है। ये सब काम आपको नैक में बेहतर ग्रेडिंग दिला सकते हैं।

उन्होंने छात्रों को संस्थानों से भावनात्मक जुड़ाव के टिप्स भी दिये। बताया कि छात्रों को विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों का हिस्सा बनाइये। जिससे कि छात्र विश्वविद्यालय को अपना मानने लगे। विश्वविद्यालयों को महीने में एक ऐसा कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए जिसमें शिक्षक से लेकर छात्र तक सभी शामिल हों। कहा कि नैक से अच्छी ग्रेडिंग पाने वाले संस्थानों की नैक टीम में महिलाओं का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। इसलिए संस्थान नैक टीम में महिलाओं, युवाओं के साथ ही छात्रों को भी शामिल करें। कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को इंडस्ट्री के साथ सम्पर्क में रहना चाहिए। उनकी जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार करने की जरूरत है। जिससे कि छात्र कोर्स करके सीधे इंडस्ट्री में रोजगार पा सकें। छात्रों को स्किल्ड बनाने वाले कोर्स कराने पर जोर देना चाहिए। कहा कि आईक्यूएसी मेयरमैन के साथ करीब 100 मीटिंग होनी चाहिए। विश्वविद्यालय दो महीने बाद अपने 10-10 संबद्ध संस्थानों का नैक प्रस्तुतिकरण करायें। समीक्षा के बाद उनकी प्रगति में मदद करें।


कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उच्च शिक्षा ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। प्रदेश के 10 विश्वविद्यालयों ने नैक में उत्कृष्ट ग्रेडिंग पायी। नैक में ग्रेडिंग पाने से संस्थानों को तमाम फायदे मिलते हैं। उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है। इस क्रम में विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थानों को अच्छी नैक ग्रेडिंग के लिए प्रयास कर रहा है। इस क्रम में तीन जोन में बांटकर संबद्ध संस्थानों में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिससे कि संबद्ध संस्थान अच्छी नैक ग्रेडिंग पा सकें। कहा कि जिन संस्थानों ने नैक में ग्रेडिंग पाया है वो दूसरे संस्थानों की मदद भी करेंगे।


नैक बैंगलोर के पूर्व निदेशक एन राय ने नैक मूल्यांकन के विभिन्न चरणों पर विस्तार से जानकारी साझा की। बताया कि नैक से बेहतर ग्रेडिंग पाने के लिए अच्छी प्लानिंग और प्रस्तुतिकरण काफी मायने रखती है। कहा कि नैक टीम पर संस्थानों का दौरा करती है तो कुछ खास ध्यान रखना चाहिए। इस क्रम में नैक विशेषज्ञ एमएमएमयूटी गोरखपुर के प्रो0 वीएल गोले ने नैक क्राइटेरिया 1, 3, धर्मसिंह देसाई विश्वविद्यालय गुजरात के प्रो0 नरेश के पटेल ने क्राइटेरिया 2, 5, 6 , एचबीटीयू कानपुर की प्रो0 वंदना के दीक्षित ने क्राइटेरिया 7 और नैक बैंगलोर की पूर्व सलाहकार प्रो0 के रामा ने ऑनलाइन माध्यम से क्राइटेरिया 4 की विस्तार से जानकारी दी।

इसके बाद सवाल जवाब सत्र भी हुआ। जिसमें विशेषज्ञों ने सवालों के जवाब दिये। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ जलसंरक्षण का संदेश देते हुए जल भरो से हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 आंजनेय शर्मा ने किया जबकि धन्यवाद  परीक्षा नियंत्रक प्रो0 राजीव कुमार ने दिया. समन्वय कुलसचिव रीना सिंह ने किया। इस मौके पर विशेष सचिव उच्च शिक्षा सीपू गिरी, , एफओए की डीन प्रो0 वंदना सहगल, आइईटी के निदेशक प्रो0 विनीत कंसल, कार्यशाला के नोडल ऑफिसर प्रो0 ओपी सिंह, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो0 वीरेंद्र पाठक, डीन पीजी प्रो0 सीतालक्ष्मी, डीन यूजी प्रो0 अनुराग त्रिपाठी सहित विभिन्न संबद्ध संस्थानों के निदेशक, प्राचार्य आदि उपस्थित रहे।

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