बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में क्रांतिकारी विचार मंच का प्रदर्शन
क्रांतिकारी विचार मंच के महामंत्री डॉ. तुलसीष दुबे ने कहा कि भारत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, इसके बावजूद वहां रह रहे हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने धार्मिक स्थलों और आम नागरिकों पर हो रहे हमलों की खबरों पर गहरी चिंता जताते हुए इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से उठाने और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की पहल करनी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करनी चाहिए।

क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने भी प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. राकेश चंद्रा ने कहा कि भारत ने 1971 में बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ऐसे में वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में ठोस हस्तक्षेप कर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की।
वहीं उमेश मणि दीक्षित ने कहा कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नेता हैं, इसके बावजूद वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार निंदनीय हैं और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भर्त्सना होनी चाहिए।

प्रदर्शन के उपरांत हनुमानगढ़ी मंदिर प्रांगण में दीपू दास की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया गया।
इस अवसर पर बाबू राजेंद्र सिंह, राम नरेश त्रिपाठी, हरिवंश सिंह, सेतु बंधु त्रिपाठी, इंदु भूषण जायसवाल, यदुनंदन मिश्रा, डॉ. के.के. सिंह, कमलेश त्रिपाठी, अम्बरीष शुक्ला, आनंद किशोर गुप्ता, भानु प्रकाश, निशांत चौहान, रजत पाण्डेय, योगेश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
