saif ali khan : बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर उनके घर में हुआ जानलेवा हमला

saif ali khan: Bollywood actor Saif Ali Khan was attacked in his house
 
saif ali khan : बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर उनके घर में हुआ जानलेवा हमला 
saif ali khan : बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर उनके घर में बीतेबुधवार रात को जानलेवा हमला हुआ। उन पर चाकू से कई वार किए गए, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैसे तो सैफ अली खान अपनी फिल्मी करियर के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्रिकेट से भी उनका गहरा नाता रहा है।

 सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी भारत के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं

सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी भारत के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने 21 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए कप्तानी की और लंबे समय तक टेस्ट टीम के कप्तान भी रहे हैं। सैफ के पिता ही नहीं, उनके दादा भी क्रिकेटर रहे हैं जो इंग्लैंड के लिए खेले थे।हालांकि, सैफ अली खान ने अपने पिता की विरासत को नहीं बल्कि

 अली खान फिल्मों में अपना करियर बनाने का फैसला किया

 मां शर्मिला टैगोर के नक्शे कदम पर चलते हुए फिल्मों में अपना करियर बनाने का फैसला किया। सैफ अली खान का सिर्फ भारतीय क्रिकेट से ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट से भी एक खास जुड़ाव रहा है। दरअसल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शहरयार खान सैफ अली खान के रिश्ते में चाचा लगते हैं।शहरयार खान ने दो बार पीसीबी की कुर्सी संभाली थी। पहली बार वह 2003 में पीसीबी के चेयरमैन बने थे और 2006 तक इस पर रहे। इसके बाद दूसरी बार वह 2014 से 2017 में पीसीबी में चेयरमैन रहे। शहरयार खान पाकिस्तान के विदेश सचिव भी रह चुके हैं।

अंग्रेजी शासन में उनके दादा भोपाल के नवाब थे

सैफ अली खान का पुश्तैनी घर मध्य प्रदेश के भोपाल में है। अंग्रेजी शासन में उनके दादा भोपाल के नवाब थे। इसके बाद उनके पिता भी हरियाणा के पटौदी का नवाब बने। ऐसे में जब 1960 में भोपाल नवाब की मौत हुई तो संपत्ति में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जा चुके शहरयार खान और उनके भाइयों ने अपना हिस्सा मांगा जो कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारत में रह रहे

 सैफ अली खान और उनके परिवार के पक्ष में फैसला आया।सैफ अली खान का पुश्तैनी घर मध्य प्रदेश के भोपाल में है। अंग्रेजी दादा भोपाल के नवाब थे। इसके बाद उनके गा के पटौदी का नवाब बने। ऐसे में जब 1960 में भोपाल नवा में भोपाल नवाब की मौत हुई तो संपत्ति में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जा चुके शहरयार खान और उनके भाइयों ने अपना हिस्सा मांगा जो कि लंबी कानूनी लड़ाई के बादभारत में रह रहे है 


सैफ अली खान और उनके परिवार के पक्ष में फैसला आया।दरअसल हुआ ये था कि नवाब के मौत के बाद संपत्ति का बंटवारा शरीयत कानून के तहत होगा। इसके मुताबिक सैफ अली खान के बड़े दादा नवाब मुहम्मद सरवर अली खान जो भोपाल नवाब के बारिश होते। सैफ अली खान के दादा इफ्तिखार अली खान छोटे थे। 

भारत में सैफ की मां शर्मिला टैगोर ने इस फैसले चुनौती दे दी

ऐसे में शरीयत कानून के हिसाब से बड़े बेटे को वारिस माना जाता, लेकिन भारत में सैफ की मां शर्मिला टैगोर ने इस फैसले चुनौती दे दी।सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर के वकील ने यह दलील पेश की थी कि शहरयार खान की मां यानी मंसूर अली खान की चाची आबिदा सुल्तान जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गईं थी और 

नवाब की मौत 1960 में भारत में हुआ था। ऐसे में उनका कोई हक नहीं बनता है कि बंटवारे के बाद वे भारत की संपत्ति की मांग करे। ऐसे में साल 2019 में आदेश पारित किया गया कि सैफ अली खान की दादी यानी मंसूर अली खान पटौदी की मां साजिदा सुल्तान संपत्ति की वारिस हैं और शहरयार खान को भारत में कोई संपत्ति नहीं मिलेगा। बता दें कि साजिदा सुल्तान मोहम्मद इफ्तिखार अली खान की बेगम थी।

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