धान अधिप्राप्ति में खराब प्रदर्शन करने वाले छह प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों का वेतन रोका
-रेंगालबेडा, गोइलकेरा, कासिरा, बड़ा झींकपानी, पोखरपी, बेनीसागर लैम्पस की प्रगति लक्ष्य से काफी पीछे
- जिले को 2 लाख क्विंटल का मिला है लक्ष्य, अभी तक 54 हजार क्विंटल ही धान खरीद
- प्रदर्शन से नाराज उपायुक्त ने संबंधित लैंपस को 15 अप्रैल तक लक्ष्य प्राप्ति का दिया आदेश
बैठक में मौजूद संलग्न पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि किसानों को लैम्पस में ही धान बिक्री करने के लिए प्रेरित करें। सरकार द्वारा समर्थित मूल्य में अपना उत्पादन बेचें तथा बिचौलियों से सावधान रहें। बैठक में उपायुक्त ने प्रखंड वार धान अधिप्राप्ति के कार्यों से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन का अवलोकन करते हुए सभी संलग्न पदाधिकारी, लैम्पस के अध्यक्ष, सचिव को 15 अप्रैल तक लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया।
समीक्षा के दौरान रेंगालबेडा, गोइलकेरा, कासिरा, बड़ा झींकपानी, पोखरपी, बेनीसागर लैम्पस का लक्ष्य के अनुरूप खराब प्रगति पाई गई, जिस पर उपायुक्त के द्वारा सलंग्न प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के वेतन को अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा सभी मिलर को ससमय सीएमआर जमा करने के लिए निर्देशित किया गया।
साथ ही बताया गया कि धान अधिप्राप्ति के लिए अधिकतम सीमा प्रति किसान 200 क्विंटल तक निर्धारित है तथा क्रय के समय फसल उत्पाद में 17 प्रतिशत से अधिक की नमी न रहे। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, अपर उपायुक्त प्रवीण केरकट्टा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुनीला खलको, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, लैम्पस के अध्यक्ष व सचिव उपस्थित थे
