क्रांतिकारी विचार मंच तत्वावधान में सनातन जागरण संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय टेड़ी बाज़ार के अवध पैलेस में आयोजित किया गया

Sanatan Jagran Seminar was organized under the aegis of Krantikari Vichar Manch at Awadh Palace in local Teeri Bazaar
 
Sanatan Jagran Seminar was organized under the aegis of Krantikari Vichar Manch at Awadh Palace in local Teeri Bazaar
बलरामपुर। क्रांतिकारी विचार मंच तत्वावधान में सनातन जागरण संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय टेड़ी बाज़ार के अवध पैलेस में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता उत्तराधिकारी श्रीमणि राम दास छावनी अयोध्या  महंत कमल नयन दास शास्त्री व विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता कारसेवक पुरम प्रभारी शिव दास रहे। आये हुए अतिथियों का क्रान्तिकारी विचार मंच के टीम द्वारा माल्यार्पण, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विजयी पक्षकार श्रीराम जन्मभूमि वाद राजेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम से पूर्व भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित किया गया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कारसेवक पुरम प्रभारी शिव दास ने सनातन धर्म के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सबको जाति पाती के बंधन से निकलकर अपने धर्म के लिए आगे आना चाहिए। जब तक हिंदु समाज संगठित नही होगा और अपने कर्तव्यों का बोध नही होगा तब तक हिन्दुराष्ट्र की परिकल्पना नही की जा सकती है, इसके लिए क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चलाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि भारत देश की संस्कृति पर मुगलों और अंग्रेजों ने सबसे ज्यादा चोट पहुचाई है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश भले ही आजाद हो गया हो लेकिन वास्तव में जो आजादी मिलनी चाहिए वह नहीं मिली, पूर्ववर्ती सरकारों ने हिंदू समाज मठ मंदिरों को लेकर जो कानून बनाए हैं उससे हिंदू समाज का ही नुकसान हुआ है, मठ मंदिरो के चढ़ावे को सरकारें अल्पसंख्यको ईसाई मिशनरी को दान के रूप में देती रही है। मुस्लिम व ईसाई मिशनरी समाज में धर्मांतरण करा रहे हैं, इन सब को रोकना की हम सब की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता कमलनयन शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि संविधान से धारा 30 को हटाया जाना चाहिए। इससे सनातन समाज पर प्रतिबंध के समान है दक्षिण भारत के मन्दिरों का की चर्चा करते हुए कहा कि मन्दिरों का चढावा अन्य समुदाय के लोगों को उसका लाभ दिया जा रहा है इसके लिए हमारी सरकार व हिन्दू समाज को एकत्र हो कर विचार करना चाहिए।  

भगवान कृष्ण ने भी गीता के उपदेश में कर्म के महत्व पर प्रकाश डाला है। हमें परिणाम की चिता नही होनी चाहिए। सनातन धर्म में भगवान ने बार-बार अवतार लेकर समय-समय पर धर्म की रक्षा की है। जिसमें धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा एवं कर्मयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अपने अपने बच्चों को पवित्र ग्रंथ गीता के साथ-साथ रामायण व महाभारत के बारे में पढ़ना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री डॉ तुलसीश दुबे ने सफलतापूर्वक किया। कार्यक्रम के उपरांत सामूहिक सह भोज भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह, संरक्षक हरिवंश सिंह, संयोजक हिंदू भूषण जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश त्रिपाठी उपाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, कोषाध्यक्ष अम्बरीष शुक्ला, नगर पालिकाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरु, सदर विधायक पलटू राम, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला, आरएसएस जिला प्रचारक जितेंद्र, सौम्य अग्रवाल, ओम प्रकाश मिश्रा, अविनाश मिश्रा, रामनरेश त्रिपाठी, मंगल बाबू, सेतुबंधु त्रिपाठी, डॉ कुलदीप विश्वकर्मा, डीपी सिंह, कृष्ण गोपाल गुप्ता, जय प्रकाश श्रीवास्तव, नंद लाल तिवारी, सुमेर सिंह, संदीप मिश्रा, विनोद गिरि, अक्षय शुक्ला, देव कुमार मिश्रा, संजय शुक्ला, निशांत चौहान, सुनील मिश्रा, अंकित त्रिपाठी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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