संत बनादास के साहित्य को मिलेगा पाठ्यक्रम में स्थान, शास्त्री कॉलेज के छह शिक्षकों को दी गई भावभीनी विदाई
Sant Banadas's literature will get a place in the syllabus, a farewell to six teachers of Shastri College

पाठ्यक्रम में होंगे नए बदलाव
संगोष्ठी के दौरान प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने स्नातक और परास्नातक स्तर के नए हिंदी पाठ्यक्रम का प्रारूप कुलपति को सौंपा। इसमें हनुमान चालीसा, शक्ति साहित्य और नाथ संप्रदाय पर आधारित विषयों को भी शामिल किया गया है। कुलपति ने संत बनादास के लेखन को विश्वविद्यालय स्तर पर मान्यता मिलने पर प्रसन्नता जताई और गुरु गोरखनाथ की परंपरा को स्मरण किया।
शिक्षकों को दी गई विदाई
संगोष्ठी के संयोजक प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र सहित श्री लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज के छह वरिष्ठ आचार्य 30 जून को सेवानिवृत्त हुए। उन्हें समारोह के दौरान सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त होने वाले आचार्य हैं:
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प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र (हिंदी)
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प्रो. आर. बी. सिंह बघेल (रक्षा एवं स्ट्रैटेजिक अध्ययन)
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प्रो. शिव शरण शुक्ल (शिक्षा)
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प्रो. श्रवण कुमार श्रीवास्तव (प्राणि विज्ञान)
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प्रो. श्याम बहादुर सिंह (शिक्षक शिक्षा)
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प्रो. राम समुझ सिंह (समाजशास्त्र)
इन सभी शिक्षकों को प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार द्वारा भावभीनी विदाई और सम्मान दिया गया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्तव्य
संगोष्ठी का संचालन डा. जयशंकर तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रो. रवीन्द्र कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही भाषाई और साहित्यिक पहचान के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान बनाएगा।
प्रमुख उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभागिता की, जिनमें शामिल थे:
सर्वेश सिंह (कार्य परिषद सदस्य), प्रो. बी. पी. सिंह, प्रो. आर. के. सिंह, प्रो. पी. के. सिंह, डॉ. उपेंद्र कुमार सोनी (मीडिया प्रभारी), गंगा प्रसाद शर्मा 'गुणशेखर', मनीष शर्मा, अच्युत शुक्ला, डॉ. मनोज कुमार मिश्रा, डॉ. हरीश कुमार शुक्ला समेत अनेक गणमान्य शिक्षाविद् और शोधार्थी।