लखनऊ में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के क्षमता-वर्धन प्रशिक्षण का दूसरा बैच शुरू

डीसीपी पूर्वी ने स्वयंसेवकों की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए डीसीपी शशांक सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक समाज और प्रशासन के बीच एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक शासन-प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर नागरिकों की सुरक्षा, सहायता और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।उन्होंने नागरिक सुरक्षा संगठन की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए इसे सामाजिक सुरक्षा तंत्र का अनिवार्य हिस्सा बताया।

लखनऊ नागरिक सुरक्षा के कार्यों की सराहना
इस अवसर पर चीफ वार्डन अमरनाथ मिश्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए नागरिक सुरक्षा लखनऊ द्वारा किए जा रहे योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शहर के स्वयंसेवक हमेशा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं।उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में एसआईआर कार्य, बीएलओ सहयोग और आमजन की सहायता में भी स्वयंसेवक सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
प्रत्येक सत्र में 90 स्वयंसेवक होंगे प्रशिक्षित
उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा रविन्द्र कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य, वार्डन की जिम्मेदारियों और संगठन की संरचना पर विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित इस प्रशिक्षण शिविर का यह दूसरा सत्र है। कुल चार सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक बैच में 90-90 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम में अधिकारी और कई स्वयंसेवक रहे उपस्थित
कार्यक्रम में वरिष्ठ सहायक उपनियंत्रक मनोज वर्मा, ऋषि कुमार, ममता रानी, रेखा पांडेय, मुकेश कुमार, कमलेश कुमार शुक्ला, मनोज कुमार वर्मा, नफीस अहमद, पंकज पंत, अम्बेश कुमार, स्टाफ अफसर ऋतुराज रस्तोगी सहित विभिन्न प्रखंडों के कुल 90 प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

