लखनऊ विश्वविद्यालय में योग के ज़रिए डायबिटीज़ नियंत्रण पर सेमिनार आयोजित

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. अमित गौरैया ने डायबिटीज़ को एक गंभीर जीवनशैली-जनित रोग बताया और कहा कि भारत, चीन के बाद डायबिटीज़ से सर्वाधिक प्रभावित देशों में शामिल है। उन्होंने बताया कि यौगिक जीवनशैली को अपनाकर इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने अर्धमत्स्येन्द्रासन, मंडूकासन, धनुरासन और त्रिकोणासन जैसे योगासनों को डायबिटीज़ नियंत्रण में विशेष रूप से लाभकारी बताया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अमरजीत यादव ने कहा कि अनियमित दिनचर्या, तनाव और मोटापा इस रोग के मुख्य कारण हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब पैंक्रियाज़ पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता, तब रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है, जिसे डायबिटीज़ कहा जाता है।
डॉ. यादव ने सुझाव दिया कि रोगियों को योगासनों के साथ-साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा, संतुलित आहार और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाकर भी डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र एवं आम नागरिकों की उपस्थिति ने इसे एक सफल आयोजन बना दिया। यह सेमिनार न केवल जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहा, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली के प्रति लोगों को प्रेरित करने का कार्य भी किया।