वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल को सेवानिवृत्ति पर विनोबा सेवा आश्रम में भावभीनी विदाई

शाहजहांपुर (अम्बरीष कुमार सक्सेना)। शाहजहांपुर के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए श्री मिजाजी लाल को उनकी सेवा निवृत्ति पर विनोबा सेवा आश्रम परिवार के बीच भावभीनी विदाई दी गई। उन्होंने अपनी साढ़े तीन साल की सेवा के वृत्तांत सुनाए, जिसने सभी को भावुक कर दिया। सेवानिवृत्ति के बाद अब उन्होंने स्वयं को समाज सेवा की अगली पारी से जोड़ने का संकल्प लिया है।
भावुक संस्मरण और मानवतावादी कार्य
अपने कार्यकाल के संस्मरण साझा करते हुए मिजाजी लाल ने कई मानवतावादी कार्यों का उल्लेख किया
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103 वर्षीय बुजुर्ग की सहायता: उन्होंने बताया कि उन्हें एक 103 वर्षीय बुजुर्ग कैदी की मदद करने का अवसर मिला। उन्होंने न केवल उनके केस को लड़ा, बल्कि जमानतदार ढूँढकर उनकी जमानत कराई और उन्हें एक सिखों की कुटिया में आश्रय दिलवाया, जहाँ वे अब भक्ति करते हैं।

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महिला बंदी और बच्ची: उन्होंने एक अन्य संस्मरण साझा किया, जिसमें उन्होंने एक महिला बंदी का इलाज कराकर उसे स्वस्थ किया। उसकी बच्ची के जन्मदिन पर जनपद के सभी अधिकारी आशीर्वाद देने पहुँचे।
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समान भोजन की पहल: उन्होंने त्योहारों पर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि "जो मेरे घर बनेगा, वही जेल के कैदी भी खाएंगे।"
मिजाजी लाल ने कहा कि अब वह बंधन मुक्त होकर समाज सेवा कर सकेंगे, जिसके लिए उन्हें विनोबा आश्रम से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने आश्रम को "समाज सेवा का प्रशिक्षण केंद्र" बताया।

आश्रम सदस्यों के उद्गार
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संरक्षक विमला बहन: उन्होंने मिजाजी लाल के उत्तम कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, "आपने यहाँ की जनता में समाजसेवा के बीज बोए हैं, जिनकी फसल आगे के दिनों में दिखेगी। आप जहाँ भी जाएँगे, सेवा का दीप ही जलाएंगे, यह हम सबका विश्वास है।

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विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भैया: उन्होंने कहा कि बाबा विनोबा का जीवन जेल से जुड़ा रहा और उन्होंने 'गीता प्रवचन' जैसी अनेक पुस्तकें जेल में ही लिखीं। उन्होंने कहा कि मिजाजी लाल जी का आश्रम आकर अपने उद्गार व्यक्त करना आश्रम के बुजुर्गों के लिए भी प्रेरणादायक है। उन्होंने बाबा विनोबा के विचारों का सार बताते हुए कहा कि "लोग जिसकी जाने के बाद याद करें, वह सही मायने में सरकार में भी रहकर असरकारी ही रहा है।" कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कमला सिंह ने किया। श्री मुदित कुमार ने स्वागत किया और दिव्या बहन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर श्री अर्पण पांडे को भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए आश्रम द्वारा सम्मानित किया गया।
