इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षण नवाचार, शोध और संवाद कौशल पर केंद्रित सात दिवसीय फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ

Inauguration of a seven -day faculty development program focused on teaching innovation, research and dialogue skills at Integral University
 
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक एवं संस्थापक-कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की भूमिका केवल ज्ञान हस्तांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे विद्यार्थियों को नैतिक और उत्तरदायी नागरिक बनाने में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं।  मुख्य अतिथि प्रो. एम.पी. गुप्ता (निदेशक, आईआईएम लखनऊ) ने शोध में नैतिकता और गहनता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान ही समस्या समाधान और राष्ट्र निर्माण की नींव रखता है।  उद्घाटन भाषण में कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के क्रियान्वयन की रणनीति पर चर्चा करते हुए समग्र और समावेशी शिक्षा प्रणाली की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।  प्रो. फुरकान क़मर, जो कि कार्यक्रम के मुख्य सलाहकार एवं ख्यातनाम शिक्षाविद हैं, ने शिक्षण, अधिगम और मूल्यांकन की एक प्रभावी प्रणाली को उच्च शिक्षा में गुणवत्ता की आधारशिला बताया।  इस अवसर पर सह-सरक्षकगण—श्री सैयद फौज़ान अख्तर (कार्यकारी निदेशक, IIMSR), श्री अदनान अख्तर (कार्यकारी निदेशक, अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख), और अतिथि सम्माननीय श्री सैयद महमूद अख्तर (पूर्व IRS अधिकारी) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।  HRDC निदेशक प्रो. सैयद अकील अहमद ने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए सप्ताह के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।  🔍 प्रथम दिवस की मुख्य गतिविधियाँ: शिक्षण नवाचार और आधुनिक मूल्यांकन पद्धतियाँ  फ्लिप्ड लर्निंग, ह्यूटैगॉजी, प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग  रूब्रिक-बेस्ड मूल्यांकन तकनीकें  🎓 प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख विषय: आउटकम-बेस्ड एजुकेशन (OBE)  कक्षा में सहभागिता बढ़ाने की रणनीतियाँ  पाठ्यक्रम निर्माण, शैक्षणिक पर्यवेक्षण और परियोजना मूल्यांकन  शोध प्रस्ताव निर्माण और सांख्यिकीय विश्लेषण उपकरण  एआई-सहायता प्राप्त शोध तकनीकें  नैतिक प्रकाशन मानदंड और प्रभावशाली शैक्षणिक संवाद कौशल  इस उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेडी श्रीराम कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, जैप्यूरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और एल्सेवियर रिसर्च जर्नल्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।  🎯 इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता यह कार्यक्रम इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की उस दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें शिक्षकों को वैश्विक स्तर की क्षमताओं से लैस करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना और शोध एवं नवाचार के नए आयाम स्थापित करना शामिल है।
लखनऊ, 7 जुलाई 2025 — इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के ह्यूमन रिसोर्स डिवेलपमेंट सेंटर (HRDC) द्वारा शिक्षकों की शिक्षण क्षमता, अनुसंधान कौशल और संवाद दक्षता को उन्नत करने के उद्देश्य से 5 जुलाई से 10 जुलाई 2025 तक चलने वाले सप्ताहभर के फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक एवं संस्थापक-कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की भूमिका केवल ज्ञान हस्तांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे विद्यार्थियों को नैतिक और उत्तरदायी नागरिक बनाने में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं।

मुख्य अतिथि प्रो. एम.पी. गुप्ता (निदेशक, आईआईएम लखनऊ) ने शोध में नैतिकता और गहनता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान ही समस्या समाधान और राष्ट्र निर्माण की नींव रखता है।उद्घाटन भाषण में कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के क्रियान्वयन की रणनीति पर चर्चा करते हुए समग्र और समावेशी शिक्षा प्रणाली की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रो. फुरकान क़मर, जो कि कार्यक्रम के मुख्य सलाहकार एवं ख्यातनाम शिक्षाविद हैं, ने शिक्षण, अधिगम और मूल्यांकन की एक प्रभावी प्रणाली को उच्च शिक्षा में गुणवत्ता की आधारशिला बताया।

इस अवसर पर सह-सरक्षकगण—श्री सैयद फौज़ान अख्तर (कार्यकारी निदेशक, IIMSR), श्री अदनान अख्तर (कार्यकारी निदेशक, अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख), और अतिथि सम्माननीय श्री सैयद महमूद अख्तर (पूर्व IRS अधिकारी) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। HRDC निदेशक प्रो. सैयद अकील अहमद ने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए सप्ताह के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

 प्रथम दिवस की मुख्य गतिविधियाँ

  • शिक्षण नवाचार और आधुनिक मूल्यांकन पद्धतियाँ

  • फ्लिप्ड लर्निंग, ह्यूटैगॉजी, प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग

  • रूब्रिक-बेस्ड मूल्यांकन तकनीकें

 प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख विषय

  • आउटकम-बेस्ड एजुकेशन (OBE)

  • कक्षा में सहभागिता बढ़ाने की रणनीतियाँ

  • पाठ्यक्रम निर्माण, शैक्षणिक पर्यवेक्षण और परियोजना मूल्यांकन

  • शोध प्रस्ताव निर्माण और सांख्यिकीय विश्लेषण उपकरण

  • एआई-सहायता प्राप्त शोध तकनीकें

  • नैतिक प्रकाशन मानदंड और प्रभावशाली शैक्षणिक संवाद कौशल

इस उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेडी श्रीराम कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, जैप्यूरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और एल्सेवियर रिसर्च जर्नल्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता

यह कार्यक्रम इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की उस दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें शिक्षकों को वैश्विक स्तर की क्षमताओं से लैस करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना और शोध एवं नवाचार के नए आयाम स्थापित करना शामिल है।

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