श्रीराम कथा का सातवां दिन: सच्ची भक्ति में भगवान भक्तों के वश में होते हैं
उनका जीवन और चरित्र हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं देता है, जो हमारे जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने में मदद करता है। उन्होंने हमेशा सत्य और न्याय का पालन किया, और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए हमेशा तैयार रहे। उन्होंने अपने परिवार और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन किया, और अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहे।
डॉक्टर ओम प्रकाश "मानस रसिक" जी ने कहा कि श्री राम का जीवन और चरित्र हमें एक आदर्श पुरुष की छवि प्रस्तुत करता है। हमें श्री राम की तरह निष्ठा और समर्पण के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना चाहिए, और अपने सिद्धांतों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री राम के जीवन और चरित्र से हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं मिलती हैं, जो हमारे जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने में मदद करती हैं।
प्रख्यात रामकथा मर्मज्ञ मानस रसिक ने राम-केवट संवाद के बारे में बताया कि भक्त और भगवान का सम्बन्ध बड़ा अद्भुत होता है। भगवान भक्त के वश में होते हैं और भक्त की भक्ति जब पराकाष्ठा को पार कर लेती है, तब भगवान उस भक्त की पूरी इच्छा करते हैं। और उसकी हर इच्छा सार्वभौमिक हितों के लिए समर्पित हो जाती है।
इस अवसर पर भवान सिंह रावत, गणेश जोशी, मंगल सिंह रावत, पूरन भदूला, के एन पाठक, प्रेम खर्कवाल, डी डी नरियाल, आर पी जुयाल, असवाल, कृपाल सिंह रावत,प्रेम सिंह बिष्ट, महेन्द्र सिंह राणा, प्रताप सिंह जंगलिया, रतन सिंह सांवत, दिनेश तिवारी आदि कई रामभक्त मौजूद थे।