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शेख हसीना ने अपनी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की धमकियों को लेकर चेताया

उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं सबकुछ छोड़कर चली गई हूं। संविधान के अनुसार मैं अभी भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हूं। उनकी सत्ता की कोई वैधता नहीं है। पिछले साल अगस्त से भारत में रह रहीं हसीना ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, प्रतिबंध की मांग करने वालों के क्या अधिकार हैं। यूनुस खुद फासीवादी हैं,
क्योंकि उन्होंने श्रमिकों, शिक्षकों, छात्रों और अन्य लोगों पर क्रूर कार्रवाई की, जो अपनी उचित मांगों के लिए अभियान चला रहे थे। गौरतलब है कि नेशनल सिटिजन्स पार्टी और कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हसीना ने कहा कि यूनुस के पास देश चलाने के लिए कोई संवैधानिक आधार या जनादेश नहीं है,
उन्होंने विदेश से प्राप्त धन से ''सुनियोजित साजिश'' के तहत सत्ता संभाली है और आम छात्रों और लोगों को गुमराह किया है। जिन लोगों ने ऐसा किया है उनका मुकदमा एक दिन बांग्लादेश की धरती पर जरूर चलेगा। यूनुस का असली चेहरा अब दुनिया के लोगों के सामने बेनकाब हो चुका है। लोगों को अहसास हो गया है कि वह कितना धोखेबाज, भ्रष्ट और आतंकी है।हसीना ने कहा, वास्तव में वह किसी जनांदोलन के जरिये सत्ता में नहीं आए, बल्कि चालाकी भरी साजिश के जरिए आए। क्या यूनुस या उनकी सलाहकार परिषद की कोई वैधता है।