शिखर धवन का बयान सोशल मीडिया पर चर्चा में, देशभक्ति या भेदभाव? जानिए पूरा मामला

Shikhar Dhawan's statement is in discussion on social media, patriotism or discrimination? Know the whole matter
 
Cricketer Shikhar Dhawan gets trolled on social media after supporting Colonel Sofia Qureshi
नई दिल्ली, मई 2025
बॉलीवुड सितारे और क्रिकेटर्स अक्सर किसी संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साध लेना ही बेहतर समझते हैं। लेकिन कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जो अपनी राय खुलकर रखते हैं, चाहे वह राय विवादों का कारण ही क्यों न बन जाए। ऐसे ही एक नाम हैं भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन, जो हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं।

अफरीदी को करारा जवाब

मामला तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान शाहिद अफरीदी ने भारत की सेना पर टिप्पणी की। इसका जवाब शिखर धवन ने बेहद तीखे शब्दों में दिया। धवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा: "कारगिल में भी हराया था, पहले से ही इतने नीचे गिर चुके हो और कितना गिरोगे? बेवजह बयान देने से बेहतर है कि अपने देश की तरक्की के लिए काम करो... हमें हमारी भारतीय सेना पर गर्व है। भारत माता की जय!"

उनकी यह प्रतिक्रिया काफी वायरल हुई और कई लोगों ने उनके राष्ट्रवादी रुख की तारीफ भी की।

 सीजफायर उल्लंघन पर भी नाराज़गी

इसके बाद 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की खबर सामने आई। इस पर भी शिखर धवन ने कड़ा रुख अपनाया और ट्वीट किया: "घटिया देश ने फिर अपना घटियापन पूरी दुनिया के सामने ला दिया है।"

इन बयानों के बाद शिखर धवन पाकिस्तानियों के लिए ट्रोलिंग का निशाना बन गए। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि उन्हें अपने ही देश के कुछ लोगों से भी आलोचना का सामना करना पड़ा।

 ऑपरेशन सिंदूर और 'एकता' पर टिप्पणी

7 मई को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। इस सफल मिशन की जानकारी दो अधिकारियों – विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी – ने दी थी।

शिखर धवन ने इस मिशन में कर्नल सोफिया कुरैशी की बहादुरी की तारीफ करते हुए ट्वीट किया: "भारत की आत्मा इसकी एकता में है। कर्नल सोफिया कुरैशी और उन तमाम भारतीय मुसलमानों को सलाम, जिन्होंने देश के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। जय हिंद!"

 ट्वीट पर छिड़ा विवाद

हालांकि इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में सराहा गया, लेकिन कुछ लोगों ने इसे “आंशिक और पक्षपातपूर्ण” करार दिया। सवाल उठाया गया कि क्या व्योमिका सिंह की बहादुरी को नजरअंदाज किया गया? एक यूज़र ने पूछा:"क्या देश के लिए सिर्फ मुसलमान ही लड़ रहे हैं? हिंदू सैनिकों का ज़िक्र क्यों नहीं किया?"

इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी कि क्या धवन का ट्वीट एकता की बात करता है या नए विभाजन की शुरुआत?

 धवन पर ट्रोलिंग का असर

शिखर धवन का उद्देश्य शायद भारतीय एकता को दर्शाना था, लेकिन उनके शब्दों की व्याख्या अलग-अलग नजरिए से की जा रही है। कुछ लोग इसे सकारात्मक पहल मान रहे हैं तो कुछ इसे ध्यान भटकाने वाला बयान बता रहे हैं

Tags