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सीने में चीरा लगवाकर रखवाई गोली, शोर किया..मुझ पर फायर हुआ

, बरेली : महिला का बयान- मुझे गोली मारी गई। प्राथमिक मेडिकल रिपोर्ट- सीने में बायीं ओर 32 बोर की गोली धंसी हुई है। इन दो तथ्यों के बूते आरंभिक तौर पर घटना पर भरोसा किया जा सकता है, मगर जांच में सब झूठ निकला। एक जनप्रतिनिधि को मुकदमे में फंसाने के लिए महिला ने ऐसी स्कि्रप्ट लिखी, जिसकी कल्पना भी कठिन है। उसने झोलाछाप से अपने सीने में चीरा लगवाकर गोली रखवाई, इसके बाद शोर कर दिया कि मुझे गोली मारी गई है। वह अपने मकसद में कामयाब भी होती दिख थी,
मगर एक बात पुलिस को खटक गई..गोली लगने वाले अंग पर बारूद के अंश क्यों नहीं? इसका जवाब तलाशा गया तो सामने ऐसा षड्यंत्र आया जोकि फिल्मी स्टोरी से कम नहीं। मंगलवार को महिला के मददगार जिला अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और झोलाछाप को पकड़ लिया गया। बुधवार को पुलिस राजफाश कर सकती है। महिला पूर्व में भी जनप्रतिनिधि पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा करा चुकी, मगर बाद में खुद ही आरोप झूठे बता दिए थे। अब दोबारा कैसे मुकदमे में फंसाया जाए, इसके लिए उसने पूरी तैयारी की। पुलिस के अनुसार, 29 मार्च की शाम को महिला ने आरोप लगाया था कि कार सवार पांच युवक अपहरण कर ले गए। उनमें तीन ने दुष्कर्म किया।
बाद में गांधी उद्यान के पास कार से फेंककर गोली मार दी। वह घायल थी इसलिए पुलिस ने आरंभिक बयान के आधार पर अज्ञात पर अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, जानलेवा हमले की प्राथमिकी लिख ली। जिला अस्पताल में भर्ती के दौरान महिला ने संकेत दिया कि जनप्रतिनिधि का पारिवारिक सदस्य घटना में शामिल है। जांच शुरू हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखा कि महिला अकेले ही आटो से गांधी उद्यान के पास पहुंची थी। उसकी काल डिटेल से दो युवकों से निरंतर संपर्क के प्रमाण मिले। इसके बाद मेडिकल रिपोर्ट देखी गई, जिसमें बारूद के अंश नहीं मिलने पर शक गहरा गया।
लंबी पूछताछ के बाद महिला ने स्वीकारा कि उसने झोलाछाप से अपने सीने में चीरा लगवाकर 32 बोर की गोली रखवा ली थी। इसके बाद साड़ी से त्वचा तक का हिस्सा जला हुआ दिखाने के लिए पांच रुपये का सिक्का गर्म करके धंसवाया था। बाद में सिक्का हटाया तो साड़ी से लेकर त्वचा में कुछ अंदर तक छेद हो गया, जिसे दिखाकर कह सके कि इसी रास्ते गोली धंसी है। इस पूरे मामले की जानकारी उसने जिला अस्पताल के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दी थी, ताकि साठगांठ होती रहे।