क्या टेस्ट क्रिकेट में इंजरी रिप्लेसमेंट नियम लागू होना चाहिए? ऋषभ पंत की चोट के बाद फिर उठा सवाल
Should injury replacement rule be implemented in Test cricket? The question arose again after Rishabh Pant's injury
Mon, 28 Jul 2025
2019 से पहले क्रिकेट में एक बार जब प्लेइंग इलेवन की घोषणा हो जाती थी, तो उसमें बदलाव संभव नहीं था। चाहे कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए या किसी अन्य कारण से मैदान छोड़ दे, टीम को वही 11 खिलाड़ी लेकर खेलना होता था। जरूरत पड़ने पर केवल फील्डिंग के लिए सब्स्टीट्यूट की इजाजत थी।
लेकिन 2019 में ICC ने "कन्कशन सब्स्टीट्यूट" नियम लागू किया। इसके तहत अगर किसी खिलाड़ी को सिर में गंभीर चोट लगे, तो टीम उसकी जगह एक ऐसा खिलाड़ी शामिल कर सकती है, जो स्किल्स के मामले में उसके समकक्ष हो।
ऋषभ पंत की चोट से उठा नया विवाद
मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के पैर में गेंद लगने से वह चोटिल हो गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पैर में फ्रैक्चर पाया गया। चोट इतनी गंभीर थी कि वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसके बाद क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों के बीच यह बहस शुरू हो गई कि क्या सिर के अलावा किसी अन्य अंग में चोट लगने पर भी रिप्लेसमेंट की अनुमति होनी चाहिए।
कोच गौतम गंभीर ने दी हरी झंडी
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने इंजरी रिप्लेसमेंट के पक्ष में बयान देते हुए कहा अगर अंपायर्स और मैच रेफरी को लगता है कि चोट गंभीर है, तो रिप्लेसमेंट की इजाजत मिलनी चाहिए। खासकर जब सीरीज में इतना कड़ा मुकाबला हो रहा हो, तब टीम को 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने को मजबूर करना उचित नहीं।
गंभीर ने साफ किया कि गंभीर चोट की स्थिति में प्रतिस्थापन खिलाड़ी लाना खेल की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स की आपत्ति
वहीं इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इस विचार के खिलाफ नजर आए। उन्होंने कहा इंजरी रिप्लेसमेंट पर बहस करना फिजूल है। इससे नियमों का दुरुपयोग हो सकता है। क्रिकेट में चोटें आम हैं और इन्हें खेल का हिस्सा मानकर ही चलना चाहिए।
स्टोक्स का मानना है कि अगर किसी खिलाड़ी का एमआरआई स्कैन कर तुरंत रिप्लेसमेंट मिल जाए, तो टीमें इस नियम का गलत फायदा उठा सकती हैं।
