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श्रीकृष्ण के आदर्श चरित्र से संस्कारवान बनता है व्यक्ति : कौशल किशोर मिश्र

The ideal character of Shri Krishna makes a person cultured: Kaushal Kishore Mishra
 
The ideal character of Shri Krishna makes a person cultured: Kaushal Kishore Mishra
गोण्डा/लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। नगर के सिविल लाइन में अफीम कोठी के सन्निकट भाजपा नेता अरुण कुमार शुक्ल के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान कथा यज्ञ के द्वितीय दिवस रविवार की सायं प्रवचन करते हुए कथा प्रवाचक अयोध्या के सुप्रसिद्ध भगवताचार्य आचार्य कौशल किशोर मिश्र ने कहा कि भागवत में योगेश्वर श्रीकृष्ण का पावन चरित्र का अनुसरण कर  व्यक्ति का जीवन संस्कारवान एवं मरणोपरांत मोक्ष प्राप्त करता है।


 कथा प्रवाचक आचार्य कौशल ने भागवत कथा के महात्म्य के प्रसंग में कहा कि श्रीमद्भागवत की पावन गाथा समाज की आदर्श आचार संहिता है। उन्होंने कहा कि धुंधकारी की जन्मदात्री माता ने मातृ धर्म का पालन नही किया और पालक माता ने शिशु को समुचित संस्कार नही दिया जिससे बालक धुंधकारी अपने नाम के अनुरूप  दुराचारी बना और अकाल मृत्यु का शिकार होकर प्रेतयोनि का भागी हुआ।

गोकर्ण महराज ने कृष्ण के पावन महात्मय से उसे प्रेतयोनि से मोक्ष दिलाया। महिलाओं का आह्वान करते हुए आचार्य ने कहा कि आदर्श समाज के निर्माण में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। माताओं को अपने बच्चे को जन्म से ही सनातन धर्म के अनुरूप संस्कार की शिक्षा देनी चाहिए।


प्रवचन में उपस्थित श्रोताओं व महिलाओं के प्रति आयोजक अरुण शुक्ल व माया शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।कथा में  शांति देवी, माया शुक्ला, जयप्रकाश शुक्ल, प्रेमादेवी शुक्ला, डा. अमित शुक्ल, डा. आशीष शुक्ल, डा.श्रद्धा शुक्ला, इं. अभिषेक शुक्ल, श्वेतलाना,  यज्ञदेव पाठक, प्रो. वन्दना सारस्वत, संतोष कुमार मिश्र, शेषमणि तिवारी, राकेश वर्मा, उत्तम कुमार शुक्ल, शिवकुमार पाण्डेय एवं शिक्षक नेता राजेश पाण्डेय आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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