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ज्ञान, भक्ति व वैराग्य की त्रिवेणी है श्रीमद्भागवत कथा: आचार्य कौशल
Shrimad Bhagwat Katha is the confluence of knowledge, devotion and detachment: Acharya Kaushal
Sun, 16 Mar 2025

गोण्डा/लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। सनातन धर्म में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान, भक्ति व वैराग्य की त्रिवेणी है। युगों युगों से संत महात्माओं ने भगवान कृष्ण के पावन चरित्र से भक्तों को आह्लादित और समाज को संगठित किया है।
ये विचार नगर के भाजपा नेता अरुण कुमार शुक्ल के सिविल लाइन में अफीम कोठी के निकट स्थित आवास पर शनिवार की सायं श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर अयोध्या के भागवताचार्य आचार्य कौशल किशोर मिश्र ने व्यक्त किए। कथा में व्यास पीठ का का पूजन करते हुए अयोध्या के सुप्रसिद्ध कथा प्रवाचक भागवताचार्य ने कहा कि योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का पावन चरित्र गृहस्थ- संयासी सभी के लिए कल्याणकारी व विपरीत परिस्थितियों में मार्गदर्शक होने के कारण सभी पुराणों में सर्वाधिक लोकप्रिय है। श्रीमदभागवत कथा के साप्ताहिक परायण से धुंधुकारी जैसे दुष्ट व परीक्षित जैसे शापित राजा को मोक्ष प्राप्त हुआ।
कथा में अरुण कुमार शुक्ल ने कथा में उपस्थित सभी श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर शांति देवी, माया शुक्ला, जयप्रकाश शुक्ल एडवोकेट, प्रेमादेवी शुक्ला,डा. अमित शुक्ल,डा. आशीष शुक्ल, डा.श्रद्धा शुक्ला, डा. निधि शुक्ला, इं. अभिषेक शुक्ल, श्वेतलाना, राकेश शुक्ल,अखिल,निखिल,उत्तम कुमार शुक्ल, शिवकुमार पाण्डेय एवं शिक्षक नेता राजेश पाण्डेय आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।