एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग इंस्टीट्यूट ने NEET और JEE 2025 के टॉपर्स का किया भव्य सम्मान

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा बढ़ाई:
-
दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उत्तर प्रदेश सरकार, ने छात्रों को आशीर्वाद देते हुए भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने और समाज सेवा के लिए ज्ञान का उपयोग करने की प्रेरणा दी।
-
बाबा हरदेव सिंह, पूर्व अध्यक्ष, यूपीपीसीएस एसोसिएशन, ने कहा कि एक चिकित्सक को न केवल दक्ष पेशेवर बल्कि संवेदनशील और जिम्मेदार इंसान भी होना चाहिए।
-
मनोज कुमार सिंह, सेवानिवृत्त एडीजी, आईपीएस, ने अपने संबोधन में तकनीकी उन्नति की ओर इशारा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में रोबोटिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी।
NEET 2025 में चयनित प्रमुख छात्र-छात्राएं:
-
आद्रिका श्रीहर्ष (AIR 188)
-
शांभवी जायसवाल (AIR 3391)
-
प्रणय गुप्ता (AIR 4069)
-
हिमांशु द्विवेदी (AIR 4881)
-
युवराज प्रजापति (AIR 5462)
-
दुर्गेश मिश्रा, सश्वी वर्मा, तन्वी मिश्रा, वंश यादव, मोहम्मद सदफ समेत कुल 105 चयनित छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
JEE 2025 के चयनित प्रतिभागी:
-
निशित डोहरे, अक्षत कदम, शिवांश सिंगारे, हर्षित वर्मा, दिव्यांश पांडेय, मोहम्मद हसन सहित कई अन्य छात्रों को मेडल, घड़ियां और ट्रॉली बैग देकर सम्मानित किया गया।
अभिभावकों और शिक्षकों को भी मिला सम्मान:
कार्यक्रम में छात्रों के अभिभावकों को उनके समर्पण और सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही, संस्थान के समर्पित शिक्षकों को भी उनके उत्कृष्ट योगदान और मार्गदर्शन के लिए विशेष रूप से सराहा गया।
संस्थान के वरिष्ठ जनों की प्रेरणादायी बातें:
संस्थान के चेयरमैन श्री एस.के.डी. सिंह और निदेशक श्री मनीष सिंह ने विद्यार्थियों को भविष्य में मानवता की सेवा के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य हर वर्ग के छात्र को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करना है। कार्यक्रम के अंत में छात्रों और शिक्षकों ने चेयरमैन एस.के.डी. सिंह को सम्मान स्वरूप शॉल, मोमेंटो, पुष्पगुच्छ और उपहार भेंट किए।
समारोह का समापन:
कार्यक्रम का समापन भावी डॉक्टरों और इंजीनियरों को सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ किया गया। यह समारोह प्रतिभा, समर्पण और प्रेरणा का सजीव उदाहरण बन गया।