Amit Shah's Fiery Speech in Tamil Nadu : क्या DMK पर भारी पड़ेगी BJP, Amit Shah का तमिलनाडु में चौकाने वाला बयान

 
Amit Shah's Fiery Speech in Tamil Nadu

आज हम बात करने जा रहे हैं तमिलनाडु की सियासत की, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक जोरदार रैली को संबोधित करते हुए डीएमके सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मेरी आंखें और कान यहीं पर हैं," और 2026 में तमिलनाडु में एनडीए की सरकार बनने का दावा किया। तो आइए, इस बयान के पीछे की पूरी कहानी को समझते हैं और देखते हैं कि तमिलनाडु की राजनीति में क्या बदलाव आने वाले हैं।

8 जून 2025 को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के मदुरै में एक विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने डीएमके सरकार पर तीखा हमला बोला। अमित शाह ने कहा, हमारा ये कार्यकर्ता सम्मेलन डीएमके सरकार के पतन का कारण बनने वाला है। 2026 में तमिलनाडु में फिर से एक बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है।

उन्होंने डीएमके पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाते हुए कहा, "तमिलनाडु के लोग भ्रष्ट डीएमके सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और एनडीए को प्रचंड बहुमत के साथ आशीर्वाद देंगे।" खास बात ये रही कि अमित शाह ने तमिल में भी कुछ पंक्तियाँ बोलीं, जिससे तमिलनाडु की जनता के साथ उनका 
emotional connection साफ दिखा।  

उनके इस बयान, "मेरी आंखें और कान यहीं पर हैं," का मतलब था कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की हर समस्या पर नजर रख रही है और डीएमके की हर गलती का हिसाब लेगी। ये बयान न सिर्फ सियासी था, बल्कि ये भी दिखाता है कि बीजेपी तमिलनाडु में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए कितनी गंभीर है।  

तमिलनाडु में बीजेपी और एनडीए की रणनीति पिछले कुछ सालों में काफी बदली है। बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों, खासकर AIADMK के साथ मिलकर 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। अमित शाह का ये दौरा और बयान इस रणनीति का हिस्सा है।  

पिछले कुछ महीनों से बीजेपी तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। जैसे कि काशी तमिल संगम, जिसके जरिए बीजेपी तमिल संस्कृति और उत्तर भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु बनाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, बीजेपी ने तमिलनाडु में स्थानीय मुद्दों को उठाकर डीएमके को घेरने की रणनीति बनाई है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बीजेपी डीएमके को कटघरे में खड़ा कर रही है।  

डीएमके ने अमित शाह के बयानों का कड़ा जवाब दिया है। डीएमके नेताओं का कहना है कि बीजेपी तमिलनाडु की संस्कृति और भावनाओं को नहीं समझती और केवल सियासी फायदा लेने की कोशिश कर रही है। कुछ डीएमके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर #TamilnaduAgainstBJP जैसे हैशटैग ट्रेंड किए, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर तमिलनाडु की जनता को बांटने का आरोप लगाया।  

लेकिन बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस हमले से पीछे नहीं हट रहे। AIADMK ने भी डीएमके पर हमला बोला है और 2026 में गठबंधन की जीत का दावा किया है। तमिलनाडु की सियासत अब पूरी तरह गरमा चुकी है, और 2026 का चुनाव एक बड़ा सियासी युद्ध होने वाला है।  

तमिलनाडु में बीजेपी का वोट शेयर पिछले कुछ सालों में बढ़ा है, लेकिन अभी भी डीएमके और AIADMK जैसे क्षेत्रीय दलों का दबदबा है। 2021 के विधानसभा चुनाव में डीएमके गठबंधन ने 159 सीटें जीती थीं, जबकि एनडीए को केवल 66 सीटें मिली थीं।  
हालांकि, बीजेपी को उम्मीद है कि AIADMK के साथ गठबंधन और केंद्र सरकार की योजनाओं के दम पर वो 2026 में बाजी पलट सकती है। अमित शाह और पीएम मोदी की सक्रियता से बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश है, और वो तमिलनाडु में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।  

भाजपा को सबसे बड़ा झटका 2018 में लगा जब वो एक साथ तीन राज्यों में कांग्रेस से हार गई। तब से, भाजपा ने मध्य प्रदेश को कांग्रेस से छीनने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि, पार्टी को छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में सत्ता हासिल करनी होगी ताकि वो फिर से कांग्रेस के कब्जे में आ सके। इसके अलावा, दक्षिणी राज्यों में पार्टी सत्ता से दूर हो गई है। 2023 में, कर्नाटक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इसने अपना एकमात्र दक्षिणी गढ़ खो दिया। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के विपरीत, जहां भाजपा पिछले कुछ वर्षों में सत्तारूढ़ दलों के लिए एक कठिन चुनौती बनकर उभरी है, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में ये  राजनीतिक रूप से हाशिये पर ही बनी हुई है। हालाँकि, 2023 में, ये तेलंगाना में बड़ी बढ़त हासिल करने की उम्मीद कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में इसकी संभावनाओं को बहुत जरूरी बढ़ावा मिल सकता है।  

2026 का चुनाव तमिलनाडु की सियासत में एक नया chapter  लिख सकता है। क्या बीजेपी और एनडीए वाकई डीएमके को हरा पाएंगे, या डीएमके अपनी सत्ता बरकरार रखेगी? ये सवाल हर किसी के मन में है।  

तो तमिलनाडु की सियासत में ये नया मोड़ आपको कैसा लगा? क्या आपको लगता है कि 2026 में एनडीए तमिलनाडु में सरकार बना पाएगी? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।  

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