एसएमएस ने भारत @ 2047: विज़न फॉर डेवेलप्ड नेशन के जरिए भारत के विकास पर की गहन चर्चा

लखनऊ, 6 दिसम्बर 2025। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ के तत्वावधान में आज विद्यालय के सभागार में भारत @ 2047: विज़न फॉर डेवेलप्ड नेशन विषय पर द्वितीय मॉडल संसद 'एसएमएस संसद-25' का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लखनऊ और आसपास के विभिन्न कॉलेजों के प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मॉडल संसद के माध्यम से प्रतिभागियों ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने पर भारत की संभावित विकास यात्रा को संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से रेखांकित किया और नीतिगत सुझाव प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की शुरुआत में एसएमएस लखनऊ के निदेशक डॉ. आशीष भटनागर ने युवाओं की नेतृत्व क्षमता, नीति-समझ और नवाचारी सोच को विकसित करने में मॉडल संसद जैसे मंचों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि मयंकेश्वर शरण सिंह, राज्यमंत्री (संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ-शिशु कल्याण) ने अपने संबोधन में कहा कि मॉडल संसद छात्रों को रचनात्मक बहस, समालोचनात्मक सोच और नीति-निर्माण की बारीकियों को सीखने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने छात्रों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर 20 से अधिक टीमों ने भाग लेकर प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता तथा विभिन्न राज्यों के सांसदों की भूमिकाएँ निभाईं। चर्चाओं का मुख्य फोकस भारत को 2047 तक विकसित, आत्मनिर्भर एवं नवाचार-प्रधान राष्ट्र बनाने पर रहा।

एसएमएस लखनऊ के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद सिंह ने कहा कि एसएमएस संसद छात्रों में नागरिक चेतना, नेतृत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का प्रभावी मंच है। उन्होंने इसे राष्ट्र के भविष्य के लिए जागरूक और दूरदर्शी युवा तैयार करने में सहायक बताया।कार्यक्रम का समापन "विज़न 2047 प्रस्ताव" को पारित करने के साथ हुआ, जो भारत के सशक्त, विकसित और प्रगतिशील भविष्य को लेकर युवाओं की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुमन कुंडी ने सभी प्रतिभागियों और आयोजन टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कहा कि मॉडल संसद ने छात्रों को नीति-निर्माण, नेतृत्व और सहयोगात्मक निर्णय लेने का वास्तविक अनुभव प्रदान किया।
