सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु हिन्दू समाज की एकजुटता अनिवार्य — सनातन बोर्ड गठन की मांग उठी

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना जागरूकता अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनित कौशिक ने दीप प्रज्वलित कर किया। सम्मेलन में मौजूद प्रमुख हस्तियों में अखण्ड आर्यावर्त आर्य त्रिदंडी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, नैमिषारण्य के महंत संतोष दास खाकी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, महामंत्री सिद्धार्थ दुबे, जन बल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह यादव, संयुक्त व्यापार उद्योग मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजनी पांडे, जन विकास महासभा अध्यक्ष पंकज तिवारी, मंगल फाउंडेशन के राम तिवारी, विधिक प्रकोष्ठ से विजेंद्र निगम, योगी सेना अध्यक्ष गौरव वर्मा, महिला मंडल की अध्यक्ष अनीता तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रवण कुमार मिश्रा, तथा कई अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठन के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई। वक्ताओं ने एक स्वर में यह विचार रखा कि वर्तमान परिदृश्य में सनातन संस्कृति विभिन्न सामाजिक और वैचारिक चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में हिन्दू समाज को एक मंच पर लाकर उसके हितों की रक्षा के लिए "सनातन बोर्ड" की स्थापना अत्यंत आवश्यक है।
ऋषि त्रिवेदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए हिन्दू समाज को न केवल जातिगत बंटवारे से ऊपर उठना होगा, बल्कि उसे हिन्दू राष्ट्र की दिशा में संगठित रूप से प्रयास करना होगा। उन्होंने 1947 के भारत विभाजन का उल्लेख करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को पाकिस्तान के रूप में इस्लामिक राष्ट्र मिल गया, जबकि भारत के हिन्दुओं को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर केवल ठगा गया। आज समय की मांग है कि बहुसंख्यक सनातन समाज के अधिकारों और पहचान को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।उन्होंने यह भी घोषणा की कि सनातन संस्कृति की रक्षा एवं जनजागरण हेतु देशभर में निरंतर कार्यक्रम और अभियान चलाए जाएंगे ताकि जनमानस को संगठित किया जा सके।इस महासम्मेलन ने स्पष्ट संदेश दिया कि अगर सनातन संस्कृति को जीवंत और सुरक्षित रखना है, तो हिन्दू समाज की एकता, जागरूकता और नेतृत्व की आवश्यकता सर्वोपरि है।